Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने पर सरकार ने अपना रुख किया साफ, मायावती ने इस बात पर जताई खुशी!

Shilpi Narayan
25 July 2025 1:46 PM IST
संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने पर सरकार ने अपना रुख किया साफ, मायावती ने इस बात पर जताई खुशी!
x
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में बताया कि कुछ सार्वजनिक या राजनीतिक क्षेत्रों में इस विषय पर चर्चा की जा सकती है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष को लेकर अपना रुख साफ किया है। उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। सरकार ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना से दोनों शब्दों को हटाने के लिए औपचारिक रूप से कानूनी या संवैधानिक प्रक्रिया भी नहीं शुरू की गई है। वहीं RSS द्वारा संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द पर पुनर्विचार करने या हटाने की मांग पर सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। वहीं इस मामले में यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया है।

सार्वजनिक या राजनीतिक क्षेत्रों में इस विषय पर चर्चा की जा सकती है

बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में बताया कि कुछ सार्वजनिक या राजनीतिक क्षेत्रों में इस विषय पर चर्चा की जा सकती है। सरकार ने इन शब्दों के संशोधन के संबंध में औपचारिक फैसले या प्रस्ताव की घोषणा नहीं की है। वहीं उन्होंने आगे कहा कि प्रस्तावना में संशोधन के संबंध में चर्चा के लिए गहन विचार-विमर्श और व्यापक सर्वसम्मति की जरूरत होगी। लेकिन सरकार ने इन प्रावधानों में बदलाव के लिए फिलहाल औपचारिक प्रक्रिया नहीं शुरू की है। मेघवाल का कहना है कि नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने 1976 के संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया था। कोर्ट ने कहा था कि संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति प्रस्तावना तक विस्तारित है।

अनुचित बदलाव या छेड़छाड़ के पूरी तरह विरुद्ध हैं

दरअसल इस मामले में यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि देश के कानून मंत्री का कल संसद में दिया गया बयान कि संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) आदि शब्द हटाने सम्बंधी सरकार की ना कोई नीयत है और ना ही ऐसा कुछ विचाराधीन है, यह उचित एवं सराहनीय है तथा खासकर हमारी पार्टी बी.एस.पी. सहित देश व दुनिया भर में उन सभी लोगों के लिए राहत की खबर है व अच्छा आश्वासन है जो परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के संविधान में इस प्रकार के किसी भी अनुचित बदलाव या छेड़छाड़ के पूरी तरह विरुद्ध हैं तथा ऐसी उठने वाली गलत मांग को लेकर चिन्तित भी थे।

बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान रचा

वहीं मायावती ने आगे कहा कि वैसे भी यह सर्वविदित है कि अपना भारत देश हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व पारसी आदि विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोगों का विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है तथा संविधान के जरिए विविधता में एकता की विशेषता इसकी बेमिसाल पहचान दुनिया भर में है। सभी धर्मों के मानने वाले लोगों को एक समान आदर-सम्मान देने व समतामूलक समाज व्यवस्था आदि की सोच को लेकर ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान रचा और जिसकी झलक संविधान में हर कदम पर मिलती है।

केन्द्र सरकार ने संविधान को लेकर ताजा विवाद के सम्बंध में संविधान की पवित्र मंशा के हिसाब से अपनी स्थिति स्पष्ट की है, यह अच्छी बात है तथा सरकार बिना किसी की परवाह व चिन्ता किए हुए अपने इस स्टैण्ड पर कायम रहेगी, ऐसी देश की चाहत व उम्मीद भी है।

इन शब्दों को आपातकाल के समय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया है

बता दें कि आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा था कि मूल संविधान में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं थे। इन शब्दों को आपातकाल के समय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया है। इन्हें बाद में निकालने की कोशिश नहीं हुई। जब हमारे मूल संविधान में ये शब्द थे नहीं तो क्या अब इन शब्दों को हमारे संविधान में रहना चाहिए। इस पर विचार होना चाहिए।

Next Story