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इंटरनेशनल मेंस डे के उमंग में डूबी दुनिया, जानें क्यों हुई इस दिन की शुरुआत

नई दिल्ली। आज यानी बुधवार 19 नवंबर को पूरे विश्व में इंटरनेशनल मेंस डे मनाया जा रहा है, लेकिन सभी के मन में लगता होगा कि महिलाओं के जैसे पुरुषों के लिए खास दिन रखा गया है। पुरुषों को अधिकार साबित करने की क्या आवश्यकता है, उनका तो हर दिन है। दरअसल, मेंस डे की शुरुआत अधिकारों के लिए नहीं हुई थी। यह पुरुषों की उन समस्याओं को लोगों के सामने रखने के लिए किया गया था, जिसे वह समाज में खुलकर नहीं बोल सकते हैं। आखिर पुरुषों के वो कौन से अधिकार हैं, इसे जानते हैं।
कब हुई थी मेंस डे की शुरुआत
पहली बार इंटरनेशनल मेंस डे मनाने का आइडिया 1990 के दशक में सामने आया था। लेकिन इसे ऑफिशियली अनाउंस 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलकसिंह ने किया था। जानकारी के अनुसार, प्रोफेसर जेरोम तिलक सिंह ने 19 नवंबर का चुनाव इसलिए किया था क्योंकि उनके पिता का जन्मदिन था। दरअसल तिलक सिंह के लिए उनके पिता उनके रोल मॉडल थे। ऐसे में मेंस डे मनाने के पीछे का मकसद पुरुषों के सकारात्मक योगदान को पहचान दिलाते हुए, पुरुषों के वास्तविक मुद्दों पर वैश्विक चर्चा करना था। यह प्रथा धीरे-धीरे करीब 80 देशों में फैल गई, तबसे दुनिया में 19 नवंबर को मेंस डे मनाया जाने लगा। वहीं 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर ने मेंस डे को औपचारिक रूप से शुरू किया था। विश्व में इंटरनेशनल मेंस डे का सबसे लंबा आयोजन माल्टा में 7 फरवरी 1994 को हुआ था। लेकिन 2009 में माल्टा की एएमआर कमेटी ने इसकी तारीख को 19 नवंबर के लिए पक्का किया था।
भावनात्मक और आत्महत्या से जुड़ी समस्याओं पर डालता है रोशनी
मेंस डे की जरूरत पुरुषों की असल समस्याओं की वजह से हुई थी। इंटरनेशनल मेंस डे पुरुषों की उन समस्याओं पर रोशनी डालता है, जिन्हें लोग नजरअंदाज करते हैं। जैसे तनाव, पुरुषों की भावनात्मक समस्या और आत्महत्याओं से जुड़ी चिंताएं। इंटरनेशनल मेंस डे पुरुष जाति को बेहतर मदद, हेल्थ, रिलेशनशि और मानसिक स्वास्थय पर खुलकर बात करने का मौका देता है। वहीं इस बार मेन्स डे की थीम Celebrating Men and Boys रखा गया है।
इंटरनेशनल मेन्स डे का उद्देश्य
पहला उद्देश्य पुरुष रोल मॉडल को सकारात्मक बढ़ावा देना।
समाज में पुरुषों की योगदान की सरहाना करना।
पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना।
पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर करना।
लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।




