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शिव का एक ऐसा मंदिर जहां मंगल देवता के रूप में की जाती है उनकी पूजा, मांगलिक दोषों से मिलती है मुक्ति, जानें ये कौन सा मंदिर है...

मंगलनाथ मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव के एक राक्षस से युद्ध करते समय, उनके पसीने की एक बूंद यहां गिर गई थी, जिससे शिवलिंग और मंदिर का निर्माण हुआ है। मंगल के दोषों को दूर करने के लिए मंगलनाथ की पूजा की जाती है। मंदिर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
प्राचीन इतिहास
स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में उज्जैन को मंगल ग्रह की जन्मभूमि बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने मंगल ग्रह की उत्पत्ति यहीं की थी, इसलिए इस स्थान को मंगल की जन्मभूमि कहा जाता है।
मंदिर की स्थापना
मंदिर का निर्माण काल किसी स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन यह प्राचीन काल से ही अस्तित्व में है। कुछ इतिहासकार इसे गुप्त काल लगभग 4वीं-6वीं सदी से भी जोड़ते हैं।
ज्योतिषीय महत्व
उज्जैन को भारत की प्राचीन खगोलशास्त्रीय राजधानी माना जाता है, कहा जाता है कि यहाँ से Prime Meridian of India मानी जाती थी। इसलिए मंगलनाथ मंदिर खगोलविदों और ज्योतिषाचार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है।
पूजा और धार्मिक मान्यताएं
जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, वे इस मंदिर में विशेष पूजा कराते हैं। यह मंदिर मंगल ग्रह की शांति और प्रभाव को कम करने के लिए पूजा-पाठ का केंद्र है। हर मंगलवार को यहाँ विशेष भीड़ होती है। मंदिर का वातावरण शांत, आध्यात्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। यहाँ विशेष रूप से मंगल यंत्र, नवग्रह पूजा, और मंगल दोष निवारण अनुष्ठान कराए जाते हैं।