
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- पूरे भारत में है...
पूरे भारत में है ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर, जानें क्या है इसके पीछे की कथा

पुष्कर। भारत का एकमात्र प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में है, जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित है और 14वीं सदी में निर्मित हुआ, हालांकि इसकी उत्पत्ति 2000 साल पुरानी मानी जाती है, यह मंदिर पुष्कर झील के किनारे है और यहां ब्रह्मा जी की चार मुख वाली प्रतिमा है। जिसे सावित्री के श्राप के कारण ब्रह्मा का एकमात्र पूजनीय स्थल माना जाता है, जहां उन्होंने यज्ञ किया था।
इतिहास और महत्व
पद्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने पृथ्वी पर वज्रनाश राक्षस का वध करने के बाद यहां एक यज्ञ करने का निर्णय लिया था। यज्ञ के दौरान उनकी पत्नी सावित्री समय पर नहीं पहुंच पाईं, इसलिए उन्हें गायत्री से विवाह करना पड़ा। इससे क्रोधित होकर सावित्री ने ब्रह्मा को श्राप दिया कि उनकी पूजा कहीं और नहीं होगी, लेकिन बाद में श्राप को कम करते हुए उन्हें पुष्कर में पूजे जाने का वरदान दिया। जिससे यह मंदिर एकमात्र ब्रह्मा मंदिर बन गया।
स्थापना
मूल मंदिर लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है, लेकिन वर्तमान संरचना 14वीं शताब्दी की है। इसका निर्माण राजा जवट्रज (Ratlam) ने करवाया था, जिन्होंने मूल डिजाइन को बनाए रखते हुए इसमें सुधार किए। यह मंदिर संगमरमर और चांदी से सुसज्जित है। इसमें कमल पर विराजमान ब्रह्मा जी की चार मुख वाली मूर्ति है, जिसके बाईं ओर गायत्री और दाईं ओर सावित्री की प्रतिमाएं हैं। पुष्कर झील के किनारे होने के कारण यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है और दुनिया के कुछ दुर्लभ ब्रह्मा मंदिरों में से एक है, जो इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बनाता है।
महत्व
पवित्र तीर्थ: पुष्कर को "तीर्थराज" (तीर्थों का राजा) कहा जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा: हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ विशाल पुष्कर मेला लगता है, जहां श्रद्धालु पवित्र पुष्कर झील में स्नान कर ब्रह्मा जी के दर्शन करते हैं।
संरक्षण: इस मंदिर को 2005 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया था।




