Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

मासिक धर्म अवकाश पर फंसा पेंच! होटल एसोसिएशन ने राज्य सरकार के आदेश को कर्नाटक हाई कोर्ट में दी यह चुनौती

Aryan
1 Dec 2025 4:08 PM IST
मासिक धर्म अवकाश पर फंसा पेंच! होटल एसोसिएशन ने राज्य सरकार के आदेश को कर्नाटक हाई कोर्ट में दी यह चुनौती
x
इस मामले में एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता बी.के.प्रशांत कर रहे हैं।

बंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने हाल ही में अधिकांश क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश अनिवार्य कर दिया है। लेकिन इस कड़ी में बंगलुरू के होटल एसोसिएशन ने राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है।

सरकारी विभागों पर यह आदेश नहीं होता लागू

जानकारी के अनुसार, एसोसिएशन ने आदेश के आधार पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने खुद सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं को ऐसी छुट्टी नहीं दी है।

श्रम विभाग ने की थी जारी अधिसूचना

दरअसल श्रम विभाग ने पिछले माह के 12 नवंबर को एक अधिसूचना जारी की। इसके तहत कारखाना अधिनियम 1948, कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम 1961, बागान श्रम अधिनियम 1951, बीड़ी और सिगार श्रमिक अधिनियम 1966 और मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम 1961 के अंतर्गत आने वाले सभी प्रतिष्ठानों को महिलाओं को अवकाश देने का निर्देश दिया गया था। नियम के अनुसार विभाग ने कहा कि स्थायी और अनुबंध पर काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को प्रति माह एक दिन का मासिक धर्म अवकाश प्रदान किया जाए।

कानून सरकार को मासिक धर्म अवकाश देने का नहीं देता अधिकार

एसोसिएशन की याचिका में कहा गया है कि इनमें से कोई भी कानून सरकार को मासिक धर्म अवकाश को अनिवार्य करने का अधिकार नहीं देता है।

उन्होंने कहा कि यह आदेश भेदभावपूर्ण वाला है। इस मामले में एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता बी.के.प्रशांत कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, यह याचिका जल्द ही जस्टिस ज्योति मूलमणि की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने पेश की जाएगी।


Next Story