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...ताकि बच्चे मोबाइल से हो सकें दूर, यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जानें अब स्कूली छात्रों में पढ़ने की आदत को कैसे दिया जाएगा बढ़ावा

Shilpi Narayan
27 Dec 2025 8:00 PM IST
...ताकि बच्चे मोबाइल से हो सकें दूर, यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जानें अब स्कूली छात्रों में पढ़ने की आदत को कैसे दिया जाएगा बढ़ावा
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लखनऊ। यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जहां स्कूल में बच्चों को प्रार्थना सभा में किताबों की जगह अब अखबार पढ़ेंगे। वहीं यह बदलाव किसी संयोग का नतीजा नहीं, बल्कि यूपी शासन की नई और अहम पहल का हिस्सा है। इस पहल का मकसद मोबाइल और स्क्रीन में उलझते बच्चों को फिर से पढ़ाई, सोच और समाज से जोड़ना है। माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग ने छात्रों में पढ़ने की आदत को बढ़ाने के लिए स्कूलों में अखबार को रोजमर्रा की पढ़ाई का हिस्सा बनाने का फैसला किया है।

शिक्षा निदेशकों को स्पष्ट जारी किए निर्देश

दरअसल, इस मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों और मंडलीय शिक्षा निदेशकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार अब स्कूलों में रोज अखबार पढ़ना, उस पर चर्चा करना और जरूरी खबरों की कटिंग रखना अनिवार्य होगा। बता दें कि अधिकारियों का कहना है कि आज के समय में बच्चों का स्क्रीन टाइम लगातार बढ़ रहा है। मोबाइल और अन्य डिजिटल साधनों में अधिक समय देने से उनकी किताबों में रुचि कम हो रही है। इसका असर उनकी एकाग्रता, सोचने की क्षमता और भावनात्मक समझ पर भी पड़ रहा है।

लगातार बढ़ रहा है स्क्रीन टाइम

इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में अखबार को नियमित रूप से पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत प्रार्थना सभा में बच्चे अखबार से मुख्य खबरें पढ़कर सुनाएंगे और रोजाना पांच नए शब्दों का अर्थ भी समझाएंगे। इससे बच्चों की भाषा बेहतर होगी और उन्हें शब्दों का सही प्रयोग सीखने का मौका मिलेगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि अखबार पढ़ने से बच्चों में न सिर्फ पढ़ने की रुचि बढ़ेगी, बल्कि उनका सामान्य ज्ञान भी मजबूत होगा। वहीं अखबार पढ़ने से बच्चों को देश-दुनिया की खबरों की जानकारी मिलेगी।

इनका भी होगा आयोजन

इसके अलावा, शनिवार या सप्ताह के किसी एक दिन अखबार में प्रकाशित सुडोकू, वर्ग पहेली और अन्य पहेलियों के आधार पर कक्षा में छोटे-छोटे क्विज आयोजित किए जाएंगे। इससे बच्चों की सोचने और समझने की शक्ति मजबूत होगी और पढ़ाई को रोचक बनाया जा सकेगा। कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को विज्ञान, पर्यावरण और खेल से जुड़ी खबरों की कटिंग से स्क्रैपबुक तैयार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस गतिविधि से बच्चों में रचनात्मकता बढ़ेगी और वे खबरों को ध्यान से पढ़ना सीखेंगे।

मिलेंगे हिंदी-अंग्रेजी के अखबार

इसमें यह भी तय किया है कि कक्षा छह से 12 तक के सभी स्कूलों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के अखबार उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे छात्रों को दोनों भाषाओं में समझ और अभिव्यक्ति का अवसर मिलेगा। भाषा पर पकड़ मजबूत होने से बच्चे वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण और संवाद में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इस पहल के तहत स्कूलों में सप्ताह में एक दिन किसी संपादकीय लेख पर कक्षा में ग्रुप डिस्कशन कराया जाएगा। छात्र उस विषय पर अपने विचार रखेंगे और दूसरों की बात सुनना भी सीखेंगे। इससे उनमें आत्मविश्वास और बोलने की क्षमता बढ़ेगी।

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