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आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गजकेसरी योग में करें ये विशेष साधना, आपकी दो बड़ी मनचाही इच्छा होंगी पूरी

Anjali Tyagi
4 Dec 2025 12:41 PM IST
आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गजकेसरी योग में करें ये विशेष साधना, आपकी दो बड़ी मनचाही इच्छा होंगी पूरी
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नई दिल्ली। 4 दिसंबर 2025 को पड़ने वाली मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) को साल की सबसे शक्तिशाली रातों में से एक माना जाता है। इस दिन गजकेसरी योग का एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो साधना के लिए इसे अत्यंत शुभ बनाता है। इस विशेष योग में की गई चंद्र साधना और पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन-समृद्धि आती है। इस दिन की गई पूजा, दान और उपाय सामान्य से 32 गुना अधिक फल देते हैं, जिसे 'बत्तीसी पूर्णिमा' भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात कुछ विशेष उपाय करने से जीवन की दो प्रमुख इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व

- यह दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है।

- इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है, जिससे व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

- इस पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं में से एक विशेष स्थिति में होता है, जिसकी किरणें मन को शांत करती हैं और मनोकामना सिद्धि के विशेष योग बनाती हैं।

ब्रह्मांड में बनते है दो अत्यंत शुभ संयोग

यह एक दिव्य रात है जब ब्रह्मांड में दो अत्यंत शुभ संयोग एक साथ बनते हैं। इसके लिए सबसे पहले एक साफ गिलास में पानी भर लें। पानी के गिलास के साथ चांद के पास खड़े हो जाएं। अपने मन और मस्तिष्क को शांत अवस्था में लाएं। और मन ही मन अपनी 2 इच्छाओं को साफ-साफ बोलें। साधना को करते समय आपकी भावना जितनी सक्रिय रहेगी, उतनी ही जल्दी ये एनर्जी आपके जिंदगी में अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेगी।

कोल्ड मून (शीत चंद्रमा) के नाम से जाना जाता है

इसको कोल्ड मून (शीत चंद्रमा) के नाम से जाना जाता है। इस पूर्णिमा के लिए आपके द्वारा बताए गए अनुष्ठान या अभ्यास कहा जाता है। बता दें कि उस गिलास को दोनों हाथों से पकड़ें और धीरे-धीर चांद की ओर ले जाए जैसे आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। इसके बाद चांद की शीतलता रोशनी में उस पानी को पिएं।

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