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ट्रंप खा गए मार! नोबेल शांति पुरस्कार मिला मारिया कोरिना मचाडो को, जानें कौन हैं यह

Aryan
10 Oct 2025 3:47 PM IST
ट्रंप खा गए मार! नोबेल शांति पुरस्कार मिला मारिया कोरिना मचाडो को, जानें कौन हैं यह
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मारिया ने देश में तानाशाही से लोकतंत्र की ओर न्यायपूर्ण तथा शांतिपूर्ण संक्रमण हासिल करने के लिए काफी संघर्ष किया है।

नई दिल्ली। नॉर्वेजियन नोबेल समिति के द्वारा मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। मारिया कोरिना मचाडो को यह पुरस्कार देने का सला वेनेजुएला के लोगों ने किया है। बता दें कि उन्हें यह पुरस्कार वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। मारिया ने देश में तानाशाही से लोकतंत्र की ओर न्यायपूर्ण तथा शांतिपूर्ण संक्रमण हासिल करने के लिए काफी संघर्ष किया है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार जीतने का दावा पेश कर रहे थे। लेकिन मारिया के नाम का ऐलान होने के बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

नोबेल कमेटी ने कहा

नोबेल कमेटी ने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरीना मचाडो ने पिछले एक साल से काफी मेहनत की है। वो छिप कर जीवन-यापन कर रही थी, इसके बावजूद उन्होंने अपने संघर्ष को जारी रखा। नोबेल कमेटी आगे कहा कि उनके जीवन पर संकट था, लेकिन इसके बावजूद वह देश में डटी रहीं। उनका यह चुनाव लाखों लोगों को प्रेरणा देने वाला है।

मारिया कोरिना मचाडो ने दिया साहस का परिचय

नोबेल कमेटी ने मचाडो की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि जब सत्तावादी ताकतें सत्ता पर कब्जा कर लेती हैं, तो आजादी के साहसी रक्षकों की पहचान करनी पड़ती है। मारिया ने साहस का परिचय दिया है। कमेटी ने आगे कहा लोकतंत्र उन लोगों पर निर्भर करता है जो चुपी नहीं साधते हैं। जान का गंभीर जोखिम होने के बावजूद भी आगे बढ़ने का साहस करते हैं। ऐसे लोग हमें याद दिलाते हैं कि स्वतंत्रता को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इन्हें साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए।

उम्मीदवारी रोक दी गई लेकिन नहीं हारी हिम्मत

गौरतलब है कि 2024 के चुनाव से पहले मचाडो विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं, लेकिन शासन द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई। इसके बाद उन्होंने दूसरे विपक्षी उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज उरुटिया का समर्थन किया था। सैकड़ों वॉलंटियर ने सियासी सीमाओं से अलग चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की।



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