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ट्रंप की कारोबारी सौदेबाजी वाली नौटंकी...RJD नेता मनोज झा ने पीएम मोदी को किया आगाह, कहा-कभी टैरिफ की धमकी देते तो कभी...

Shilpi Narayan
6 Sept 2025 6:30 PM IST
ट्रंप की कारोबारी सौदेबाजी वाली नौटंकी...RJD नेता मनोज झा ने पीएम मोदी को किया आगाह, कहा-कभी टैरिफ की धमकी देते तो कभी...
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। जिसमें ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना अच्छा मित्र और खास साझेदार बताया था। यहां तक कि ट्रंप ने कहा था कि वह हमेशा पीएम मोदी के मित्र रहेंगे। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि वो ट्रंप की भावनाओं और भारत-अमेरिका संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की सराहना करते हैं। वहीं अब इस मामले में RJD के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने पोस्ट कर इसे ट्रंप की कारोबारी सौदेबाजी वाली नौटंकी बताया है।

कारोबारी सौदेबाजी वाली नौटंकी

बता दें कि मनोज झा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के सबसे अस्थिर और विरोधाभासी राष्ट्रपतियों में से एक साबित हुए हैं और भारत ने इसे सीधे-सीधे बीते कुछ महीनों में महसूस किया है। कभी वे मोदी को “सच्चा दोस्त” कहते, हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे तमाशों में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं, तो अगले ही पल भारत से व्यापारिक रियायतें छीन लेते, टैरिफ की धमकी देते और कश्मीर पर मध्यस्थता की लापरवाह बेतुकी बात कर बैठते हैं। वहीं उन्होंने आगे कहा कि सीजफायर पर उनके बार-बार के बयानों के तो क्या ही कहने? उनके हालिया बयान पर ताली पीटने वाले लोगों और मीडिया संस्थानों को भी ये समझना चाहिए कि यह कूटनीति नहीं है बल्कि कारोबारी सौदेबाजी वाली नौटंकी है।

दीर्घकालिक सहमति के साथ होना चाहिए

दरअसल, मनोज झा ने पीएम मोदी को आगाह करते हुए कहा कि भारत के लिए सबक साफ है कि चमक-दमक वाले परस्पर विरोधाभासी बयानों को दोस्ती का नया पैगाम ना समझा जाए। वहीं उन्होंने कहा कि ट्रंप की राजनीति आज भारत के नाम जयकार और कल पाकिस्तान की तारीफ यह कोई रणनीति नहीं, बल्कि तात्कालिक स्वार्थ की भूख ही हुआ करती है। उनका कहना है कि ट्रंप का कार्यकाल दिखाता है कि व्यक्तिगत शो-शा असली विदेश नीति का विकल्प नहीं हो सकता। अगर भारत को अमेरिका के साथ कदम से कदम मिलाना है तो वह संस्थाओं और दीर्घकालिक सहमति के साथ होना चाहिए, न कि दोनों ही तरह के आत्ममुग्ध नेतृत्व के ऑप्टिक्स पर भरोसा करके। सनद रहे कि ट्रंप साहब की कूटनीति उनके ट्वीट्स जितनी ही अस्थिर है।

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