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नई दिल्ली। हल्दी एक जड़ी-बूटी है जो करकुमा लोंगा पौधे की जड़ से प्राप्त होती है। इसका इस्तेमाल मसालों के रुप में प्रमुखता से किया जाता है। हिंदू धर्म में पूजा में या कोई भी शुभ काम करते समय हल्दी का उपयोग किया जाता है। खाने के अलावा कई तरह की बीमारियों से बचाव में भी हल्दी का उपयोग होता है। हल्दी एक शक्तिशाली औषधीय मसाला है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
हल्दी के फायदे
1. कैंसर से बचाने में मददगार- हल्दी में भारी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से बचाव करता है। इससे एजिंग की प्रक्रिया धीमी होती है और लंबे समय तक जवां बने रहने में मदद मिलती है।
2. दिल के लिए फायदेमंद- डॉक्टर बताते हैं कि हल्दी में करक्युमिन पाया जाता है, जिसकी वजह से इसे रोजाना 30 दिन तक खाने से हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। करक्युमिन आपके ब्लड वेसल्स की लाइनिंग की फंक्शनिंग में सुधार करती हैं, जिससे दिल की सेहत बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
3. आंखों की रोशनी में- एक शोध अध्ययन के अनुसार, करक्यूमिन का अनुप्रयोग आंखों को ङीजनरेशन से बचाने में मदद कर सकता है।हालांकि अधिक ठोस प्रमाण के लिए करक्यूमिन के इस पहलू में और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
4. पाचन में- हल्दी को पाचन विकारों जैसे सूजन, गैस और सूजन आंत्र रोग में मदद करने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह करक्यूमिन के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण होता है।
5. वजन घटाने में - हल्दी एक अच्छा नेचुरल ऑप्शन हो सकता है जो वजन घटाने में मदद कर सकता है और मेटाबोलिक सिंड्रोम के मैनेजमेंट में मदद कर सकता है। 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, करक्यूमिन वजन घटाने, बॉडी मास इंडेक्स, लेप्टिन के स्तर और वेट सरकमफेरेंस में प्रभावी रूप से मदद कर सकता है।
6. पायरिया में हल्दी के फायदे- सरसों का तेल, हल्दी मिलाकर सुबह-शाम मसूड़ों पर लगाकर अच्छी प्रकार मालिश करने तथा बाद में गर्म पानी से कुल्ले करने पर मसूड़ों के सब प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। हल्दी का गुण पायरिया के लिए फायदेमंद होता है।
7. कुष्ठ रोग में हल्दी के फायदे- हल्दी के प्रयोग से कुष्ठ रोग के प्रभाव को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए 1-2 ग्राम हल्दी चूर्ण में गोमूत्र मिलाकर पिएं। इसके अलावा हरिद्राचूर्ण में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर गोमूत्र के साथ सेवन करने से दाद और कुष्ठ रोग में फायदा होता है।
हल्दी के औषधीय गुण
हल्दी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जैसे कि एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-ट्यूमर, एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल। हल्दी शरीर में सूजन को कम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करती है।
हल्दी के नुकसान
किडनी स्टोन- हल्दी में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन के जोखिम को बढ़ा सकती है।
पाचन संबंधी समस्याएं- कुछ लोगों को हल्दी से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि पेट में दर्द, एसिड रिफ्लक्स या दस्त।
रक्त पतला होना- हल्दी खून को पतला कर सकती है, जो रक्तस्राव संबंधी विकारों वाले लोगों या रक्त-पतला करने वाली दवाएँ लेने वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है।
एलर्जी- कुछ लोगों को हल्दी से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर रैशेज, खुजली या सूजन हो सकती है।
आयरन का अवशोषण कम करता है- हल्दी आयरन के अवशोषण को कम कर सकती है, जो आयरन की कमी वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है।
गर्भावस्था- यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो हल्दी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
हल्दी का सेवन
हल्दी का सेवन 2,000 मिलीग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए। आमतौर पर 1-2 ग्राम हल्दी का रोजाना सेवन करना सेहत के लिए उपयुक्त है।