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उन्नाव रेप केस के आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत, जानें क्या शर्त रखी

Shilpi Narayan
23 Dec 2025 4:01 PM IST
उन्नाव रेप केस के आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत, जानें क्या शर्त रखी
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नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर को जमानत दी है। लेकिन कोर्ट ने कुछ शर्त रखी है। इसके साथ ही सेंगर को जो उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, हाई कोर्ट ने उस पर भी रोक लगा दी है। निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

15 लाख के बॉन्ड पर रिहा

बता दें कि जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को 15 लाख के बॉन्ड पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सेंगर को 15 लाख रुपये का निजी मुचलका भरना होगा और इतनी ही रकम के तीन जमानतदार पेश करने होंगे।

इन शर्तों के साथ कोर्ट ने दी सेंगर को जमानत

-सेंगर पीड़िता से 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं आएगा और दिल्ली में ही रहेगा।

-सेंगर पीड़िता को धमकी नहीं देगा।

-सेंगर को अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करेगा।

-हर सोमवार को पुलिस को रिपोर्ट करना होगा।

-किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।

-अगर भविष्य में उसकी सजा बरकरार रहती है, तो उसे बाकी की सजा काटने के लिए अदालत में पेश होना होगा।

अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को

बता दें कि इस केस की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को होगी। उस दिन आपराधिक अपील और आवेदन को चीफ जस्टिस के आदेशों के अधीन रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। इस साल की शुरुआत में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में मोतियाबिंद की सर्जरी कराने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। पिछले साल दिसंबर में भी उन्हें इसी तरह की राहत दी गई थी।

2019 में मिली थी उम्र कैद की सजा

निचली अदालत ने दिसंबर 2019 में सेंगर को बलात्कार मामले में दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने सीबीआई को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि पीड़िता और उसके परिवार को पूरी सुरक्षा मिले। निचली अदालत ने सेंगर को सजा सुनाते हुए कहा कि उसके अपराध इतने गंभीर थे कि सजा को कम करने का कोई कारण नहीं था। एक चुने हुए प्रतिनिधि के रूप में लोगों ने सेंगर पर भरोसा किया, लेकिन उसने उस भरोसे को तोड़ा। उसने जो घिनौना काम किया है, उसके लिए वह कड़ी सजा का हकदार है।

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