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UP Weather: मेरठ में सीजन की सबसे ठंडी रात, अगले 3-4 दिन घना कोहरा और कड़ाके की सर्दी का अलर्ट

उत्तर प्रदेश में सर्दी ने अब अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पहाड़ों से चल रही उत्तर-पश्चिमी बर्फीली हवाओं के असर से प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में रात के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार रात मेरठ सहित वेस्ट यूपी के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान दो से छह डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इस सीजन की अब तक की सबसे ठंडी रात मेरठ में दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान पहली बार पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मेरठ में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे प्रदेश में सबसे कम रहा। इसके साथ ही मथुरा-वृंदावन में भी ठंड का असर तेज रहा और वहां न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सहारनपुर में दिन का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मेरठ-सहारनपुर मंडल में सबसे कम रहा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस सीजन में पहली बार ऐसा हुआ है जब दिन और रात के तापमान में एकसाथ इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बुधवार की तुलना में गुरुवार को मेरठ में दिन के तापमान में 5.1 डिग्री और रात के तापमान में 5.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। इस अचानक बदले मौसम ने लोगों को पूरी तरह ठिठुरा दिया है। आने वाले तीन से चार दिनों तक प्रदेश में कड़ाके की सर्दी बनी रहने की संभावना है। साथ ही सुबह और रात के समय घना से बेहद घना कोहरा छाने की चेतावनी भी जारी की गई है। 31 दिसंबर तक कुछ इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम रहने की आशंका जताई गई है, हालांकि तेज हवाओं के कारण दिन में कोहरा जल्दी छंट सकता है।
तेज ठंड और कोहरे का असर जनजीवन पर साफ दिखाई देने लगा है। तापमान गिरने और सर्द हवाओं के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से बचते नजर आए। सुबह के समय मार्निंग वॉक करने वालों की संख्या बेहद कम रही। जरूरी काम से बाहर निकलने वाले लोग भी पूरी तरह गर्म कपड़ों में लिपटे दिखे। ठंड के चलते पशु-पक्षी भी बेहाल नजर आए और खुले स्थानों पर उनकी गतिविधियां काफी कम हो गईं।
कोहरे का असर यातायात व्यवस्था पर भी पड़ा है। हाईवे और प्रमुख सड़कों पर वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर धीमी गति से चलना पड़ा। कई स्थानों पर दृश्यता बेहद कम होने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रही। वहीं रेल सेवाओं पर भी असर देखने को मिला और कई ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी गई। कड़ाके की ठंड के बावजूद कई इलाकों में अलाव की व्यवस्था न होने से लोग कूड़ा और कबाड़ जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश करते नजर आए।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी का असर आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है। यदि हवाओं की रफ्तार धीमी पड़ी तो कोहरे की तीव्रता और अधिक हो सकती है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने, अनावश्यक यात्रा से बचने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। कुल मिलाकर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिन सर्दी और कोहरे के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं।




