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एचआर 88बी8888 नंबर की दोबारा नीलामी पूरी; पहली बोली 1.17 करोड़, दूसरी बार सिर्फ 26.71 लाख में बिका

DeskNoida
12 Dec 2025 1:00 AM IST
एचआर 88बी8888 नंबर की दोबारा नीलामी पूरी; पहली बोली 1.17 करोड़, दूसरी बार सिर्फ 26.71 लाख में बिका
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यह नंबर कैथल के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी सुषमा के नाम पर खरीदा।

एचआर 88बी8888 नंबर एक बार फिर चर्चा में है। हरियाणा में फैंसी नंबर प्लेट की नीलामी के दौरान यह नंबर पहली बार 1.17 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बोली तक पहुंच गया था, लेकिन बोली लगाने वाले हिसार के सुधीर कुमार राशि जमा नहीं कर पाए। नियमों के अनुसार नीलामी के दो दिन के भीतर पूरी राशि जमा करनी होती है, लेकिन सुधीर ऐसा नहीं कर सके। इसके बाद हरियाणा सरकार ने इस नंबर को दोबारा ऑक्शन के लिए डाल दिया। अब दूसरी नीलामी में यह नंबर केवल 26.71 लाख रुपये में बिका है। इसे कैथल के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी सुषमा के नाम पर खरीदा है।

पहली नीलामी में रकम जमा न करने के बाद परिवहन मंत्री अनिल विज ने सुधीर की संपत्ति और आय की जांच के आदेश दिए हैं। विज का कहना है कि बोली लगाना सिर्फ शौक नहीं है, यह जिम्मेदारी होती है। सरकार ने आयकर विभाग को भी इस मामले में पत्र भेजने की बात कही है। सुधीर का कहना था कि वह तकनीकी दिक्कत के कारण पैसा जमा नहीं कर पाए। लेकिन नियमों के पालन न होने के कारण नंबर को दोबारा नीलाम करना पड़ा। 10 दिसंबर को हुई नीलामी में 31 लोगों ने हिस्सा लिया और बोली शाम 5 बजे तक चली। इस नीलामी में सुधीर ने हिस्सा नहीं लिया। अंत में सुषमा ने 26.71 लाख की बोली लगाकर यह खास नंबर अपने नाम कर लिया। अब उन्हें तीन दिनों के भीतर पूरी राशि जमा करनी होगी।

यह नंबर इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि इसमें लगातार 8 नंबर दिखते हैं। 8888 एक बेहद लोकप्रिय और प्रीमियम रजिस्ट्रेशन नंबर पैटर्न है। एचआर 88बी8888 में ‘बी’ भी देखने में ‘8’ जैसा लगता है, जिससे पूरी नंबर प्लेट में लगातार 8 का क्रम दिखाई देता है। इसी कारण इसकी मांग बहुत अधिक रहती है और लोग इसे पाने के लिए भारी बोली लगाने में भी पीछे नहीं रहते। पहली नीलामी में इसका मूल्य करोड़ तक पहुंच गया था, लेकिन दूसरी बार बोली काफी कम रही और यह नंबर अपेक्षाकृत कम कीमत में बिक गया।

यह मामला एक उदाहरण है कि फैंसी नंबरों की नीलामी में बोली लगाना जितना आसान दिखता है, उतनी ही गंभीरता से नियमों का पालन करना भी जरूरी है। सरकार भी ऐसे मामलों में सख्ती बरतते हुए जांच करवा रही है ताकि आगे कोई बोली लगाने के बाद भुगतान से पीछे न हट सके। अब यह वीआईपी नंबर सुषमा के वाहन की शान बनेगा, जबकि पहली नीलामी में बोली लगाने वाले शख्स की जांच आगे बढ़ रही है।

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