
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- Vishwakarma Jayanti...
Vishwakarma Jayanti 2025: दुनिया के पहले इंजीनियर! जानें भगवान विश्वकर्मा ने किन-किन चीजों का किया था निर्माण?

नई दिल्ली। भगवान विश्वकर्मा हिंदू धर्म में देवताओं के वास्तुकार, शिल्पकार, आर्किटेक्ट और अन्य तकनीकी आधारित वस्तुओं का देवता माना गया है हैं, जिन्हें ब्रह्मांड का पहला निर्माता माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर साल 17 सितंबर को की जाती है। भगवान विश्वकर्मा किसी विशिष्ट देवता के अवतार नहीं हैं, बल्कि उन्हें सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का वंशज और सातवें पुत्र माना जाता है।
दिव्य नगरियां
लंका- वाल्मीकि रामायन के अनुसार, विश्वकर्मा ने कुबेर के लिए सोने की लंका बनाई, जो बाद में रावण के अधीन आई। यह समुद्र के बीच स्थित थी और वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों पर निर्मित थी।
द्वारका- महाभारत में भगवान कृष्ण के लिए द्वारका नगरी का निर्माण विश्वकर्मा ने किया। यह नगरी अपनी सुनियोजित सड़कों और भवनों के लिए प्रसिद्ध थी।
इंद्रप्रस्थ- पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ भी उनकी रचना थी, जो स्थापत्य और सौंदर्य का अनुपम उदाहरण थी।
स्वर्गलोक और अन्य नगर- स्वर्गलोक, यमपुरी, और वरुणपुरी जैसे देवनगरों का निर्माण भी उनके नाम है।
विमान और वाहन
पुष्पक विमान- कुबेर के लिए बनाया गया यह विमान रावण के पास चला गया। यह आकाश में उड़ने वाला वाहन था।
शिव का रथ- विश्वकर्मा ने शिव के लिए एक विशेष रथ बनाया, जिसका उपयोग त्रिपुरासुर के संहार में हुआ।
अस्त्र-शस्त्र
सुदर्शन चक्र- विष्णु का यह चक्र विश्वकर्मा की देन है।
त्रिशूल- शिव का त्रिशूल, जो उनकी शक्ति का प्रतीक है।
वज्र- इंद्र का वज्र, जो दधीचि ऋषि की हड्डियों से बनाया गया।
राम का धनुष और हनुमान की गदा- सीता स्वयंवर का धनुष और हनुमान की गदा भी उनके द्वारा निर्मित थी।
अन्य रचनाएं
विश्वकर्मा ने यज्ञ वेदियां, देवताओं के आभूषण और कई वाद्य यंत्र बनाए। वायु पुराण में उनके द्वारा 84 लाख योनियों की रचना का भी उल्लेख है।
विश्वकर्मा पूजा
हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है, जिसमें औद्योगिक श्रमिक और कलाकार अपने औजारों की पूजा करते हैं और अपने काम में सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं।