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पौष पुत्रदा एकादशी पर किन चीजों के दान से बचना चाहिए, जानें किस तारीख को है व्रत...

पौष महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पौष एकादशी कहा जाता है। इसे पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यह व्रत 30 दिसंबर यानी मंगलवार को रखा जाएगा। बता दें कि यह इस साल की अंतिम एकादशी भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत, पूजा और दान करने से बड़ा पुण्य मिलता है। इसलिए इस दिन ऐसे कार्यों से बचना चाहिए, जो अशुभ फल दे सकते हैं। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख, परिवार की खुशहाली और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। नियम और श्रद्धा से पूजा करने पर संतान से जुड़े सारे कष्ट दूर होते हैं।
इस तिथि पर दान करना होता है पुण्यदायी
पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख, परिवार की समृद्धि और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए उत्तम माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर दान करना पुण्यदायी होता है। लेकिन शास्त्रों में इस पावन तिथि पर कुछ चीजों का दान वर्जित माना गया है, क्योंकि इससे पुण्य के स्थान पर अशुभ फल मिल सकते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी पर इन चीजों का दान न करें
लोहा और काली वस्तुएं
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन लोहा या लोहे से बनी चीजों का दान नहीं करना चाहिए। काले तिल और काले कपड़े का दान भी वर्जित माना गया है। इनका संबंध शनि और नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है। इससे जीवन में रुकावटें आ सकती हैं।
तेल का दान
पौष पुत्रदा एकादशी पर तेल का दान करना शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि इससे संतान सुख में बाधा और आर्थिक परेशानी बढ़ सकती है।
नमक का दान
इस पावन तिथि पर नमक का दान या किसी को नमक उधार देना भी वर्जित है। ऐसा करने से पुण्य के स्थान पर अशुभ फल मिलने की मान्यता है।
इन बातों का रखें ध्यान
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें। सात्विक भोजन या फलाहार लें। दान करते समय शास्त्रों के नियमों का पालन करें। तभी व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।
इस्तेमाल की हुई चीजें नहीं दान करें, हमेशा नई और पवित्र चीजों का दान अच्छा माना जाता है। इस्तेमाल की गई चीजों का दान करने से पुण्य फल नष्ट हो जाता है और जीवन में मानसिक अशांति बढ़ती है।




