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कौन है साजिद जट्ट? NIA की चार्जशीट में पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड का खुलासा, 7 आरोपियों पर गंभीर धाराएं

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जम्मू स्थित एनआईए की विशेष अदालत में सोमवार को पेश की गई यह चार्जशीट कुल 1597 पन्नों की है, जिसमें हमले की पूरी साजिश, पाकिस्तान की भूमिका, आतंकियों के नेटवर्क और सबूतों का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। एनआईए ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।
चार्जशीट के मुताबिक, यह हमला पूरी तरह से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा था, जिसमें धर्म के आधार पर टार्गेट हत्याएं की गईं। इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की जान गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। एनआईए ने चार्जशीट में LeT और TRF को एक “आतंकी इकाई” के रूप में नामजद करते हुए कहा है कि इन संगठनों ने न सिर्फ हमले की योजना बनाई बल्कि आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, हथियार और स्थानीय मदद भी मुहैया कराई।
चार्जशीट में जिस नाम पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है, वह है पाकिस्तानी हैंडलर आतंकी साजिद जट्ट। एनआईए के अनुसार, साजिद जट्ट का पूरा नाम सैफुल्लाह साजिद जट्ट है और वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले का रहने वाला है। एजेंसी ने उसे इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, साजिद लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर है और संगठन में हाफिज सईद के बाद उसका कद बेहद अहम माना जाता है।
एनआईए ने यह भी खुलासा किया है कि साजिद जट्ट, लश्कर के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का प्रमुख है। यही संगठन बीते कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। भारत सरकार ने TRF को साल 2023 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। एनआईए ने साजिद जट्ट पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है।
चार्जशीट में तीन पाकिस्तानी आतंकियों के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें हमले के कुछ हफ्तों बाद जुलाई में श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इन आतंकियों की पहचान फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई थी। जांच में सामने आया कि ये तीनों सीधे तौर पर पहलगाम हमले में शामिल थे और पाकिस्तानी हैंडलरों के निर्देश पर काम कर रहे थे।
इसके अलावा, एनआईए ने दो स्थानीय आरोपियों परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथट को भी चार्जशीट में शामिल किया है। दोनों को 22 जून को आतंकियों को पनाह देने और उनकी मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान इन दोनों ने तीनों हथियारबंद आतंकियों की पहचान की पुष्टि की और बताया कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे तथा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे।
एनआईए ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, शस्त्र अधिनियम 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 की गंभीर धाराएं लगाई हैं। इसके साथ ही भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़ी दंडात्मक धाराएं भी जोड़ी गई हैं। एजेंसी का कहना है कि लगभग आठ महीने तक चली वैज्ञानिक और तकनीकी जांच के बाद यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है और पहलगाम हमला उसी साजिश का हिस्सा था।




