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गंगाजल की तरह आखिर यमुना के जल को घर में क्यों नहीं रखा जाता ? जानें क्या है आखिर वजह

Anjali Tyagi
2 Aug 2025 8:00 AM IST
गंगाजल की तरह आखिर यमुना के जल को घर में क्यों नहीं रखा जाता ? जानें क्या है आखिर वजह
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नई दिल्ली। हिंदू धर्मग्रंथों में पवित्र नदियों के जल से स्नान करना बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। भारत में कई पवित्र नदियां हैं, जिनका उल्लेख शास्त्रों में भी किया गया है। गंगा, यमुना से लेकर सरस्वती तक अनेक पवित्र नदियां हैं। एकादशी, अमावस्या और कुछ विशेष तिथियों पर स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों में भी गंगा जल का विशेष महत्व बताया गया है। अक्सर लोग घर में गंगाजल भरकर रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गंगा जल की तरह आप यमुना जल को घर में नहीं रख सकते। यमुना पानी को घर में रखना बहुत अशुभ माना जाता है। आखिर क्यों ?

कौन हैं यमुना जी ?

शास्त्रों में वर्णित है कि यमुना देवी सूर्य देव की पुत्री और यमराज की बहन हैं। उन्हें कालिंदी भी कहा जाता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज पर यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर जाते हैं और आशीर्वाद देते हैं कि जो भाई और बहन इस दिन यमुनाजल से स्नान करेंगे, उस बहन के भाई की अकाल मृत्यु नहीं होगी।

गरुड़ पुराण का संकेत

गरुड़ पुराण और पद्म पुराण जैसे शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है कि यमुना के जल का उपयोग केवल तीर्थ स्नान या प्रायश्चित्त कर्मों के लिए करना चाहिए, लेकिन इसे घर में स्थायी रूप से नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे घर में मृत्यु, रोग या कलह के योग बन सकते हैं।

श्रीकृष्ण और यमुना जी का विशेष नाता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तब वासुदेव जी उन्हें मथुरा से गोकुल ले जा रहे थे, तब यमुना जी ने उन्हें रास्ता दिया था। किंवदंती है कि यमुना जी ने बालकृष्ण के चरण स्पर्श करने के लिए अपनी जलधारा ऊपर उठाई थी, और तभी कृष्ण के पावन स्पर्श से यमुना और भी पवित्र हुईं। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रमुख केंद्र वृंदावन और यमुना तट ही रहा है। गोपियों संग रास, कालिया नाग का मर्दन, और माखन चोरी, ये सब यमुना किनारे ही हुआ यमुना को भगवान कृष्ण की पटरानी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण से यमुना मैय्या को यह वरदान प्राप्त था कि वह हमेशा उनके चरणों में ही रहेंगी।

वास्तु व शुद्धता की दृष्टि से वर्जित

वास्तु शास्त्र के अनुसार, यमुना जल कालेपन व अस्थिरता का प्रतीक है। घर में इसका संग्रह करने से दरिद्रता या मानसिक तनाव बढ़ सकता है। जबकि गंगाजल को सभी दोषों को हरने वाला बताया गया है।

यमुना में है यम का वास

यमुना नदी को लेकर एक और पौराणिक कथा भी बताई जाती है। इसके अनुसार, यमुना के भाई यम हैं। यम यानी यमराज, जो यमुना मैय्या के भाई हैं. ऐसा माना जाता है कि यमुना में यम का वास होता है। यमुना जल को घर में रखना यम को घर में स्थान देने जैसा है। हालांकि यमुना में स्नान करने से यमराज व्यक्ति को परेशान नहीं करते, उससे प्रसन्न रहते हैं।

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