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छत्तीसगढ़ के कांकेर में 8 लाख की इनामी महिला नक्सली मुठभेड़ में ढेर

DeskNoida
21 Jun 2025 1:00 AM IST
छत्तीसगढ़ के कांकेर में 8 लाख की इनामी महिला नक्सली मुठभेड़ में ढेर
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कांकेर के पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।

छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में शुक्रवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक महिला नक्सली मारी गई। पुलिस के अनुसार, उस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

कांकेर के पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। अमाटोला और कलपर गांवों के बीच कोटरी नदी के पार माओवादी गतिविधियों की सूचना मिलने पर यह अभियान चलाया गया था।

मुठभेड़ छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई। पुलिस ने घटनास्थल से महिला नक्सली का शव बरामद किया, जो वर्दी में थी। साथ ही एक .303 राइफल, सात कारतूस, देसी बैरल ग्रेनेड लांचर (BGL), एक वॉकी-टॉकी, दो मोबाइल चार्जर व बैटरियां, माओवादी साहित्य, दस्तावेज, दवाइयां और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं।

प्राथमिक पहचान के अनुसार मारी गई महिला नक्सली की पहचान शांति उर्फ देवे के रूप में हुई है, जो बीजापुर ज़िले के गुंडेम गांव की निवासी थी। पहले वह गरियाबंद जिले के गोबरा एरिया कमेटी में सक्रिय थी, बाद में उत्तर बस्तर डिवीजन में पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी (PLGA) की कंपनी नंबर 5 और 7 से जुड़ गई थी।पुलिस ने बताया कि घटना के बाद आसपास के जंगलों में तलाशी अभियान जारी है ताकि मुठभेड़ के दौरान भागे अन्य नक्सलियों को पकड़ा जा सके।

इस वर्ष अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 212 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 195 बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों—बीजापुर, बस्तर, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा—में मारे गए हैं।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने माओवादियों को हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा से जुड़ने की अपील करते हुए कहा, “दंडकारण्य क्षेत्र में माओवादी हिंसा की जड़ें कमजोर हो रही हैं। सुरक्षा बल पूरी निष्ठा और साहस के साथ क्षेत्र में शांति बहाल करने का कार्य कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य भयमुक्त वातावरण स्थापित करना है। जो भी नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटना चाहता है, उसके लिए सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति अब भी खुली है।”

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