Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

AI का कमाल: दुनिया की पहली AI आधारित समुद्र की देवी माजू की प्रतिमा का अनावरण, मिल रहा है 'आशीर्वाद' भी

Varta24 Desk
28 April 2025 6:39 PM IST
AI का कमाल: दुनिया की पहली AI आधारित समुद्र की देवी माजू की प्रतिमा का अनावरण, मिल रहा है आशीर्वाद भी
x
मलेशिया के जोहोर राज्य स्थित थियनहौ मंदिर ने हाल ही में दुनिया की पहली AI आधारित माजू प्रतिमा का अनावरण किया है।

मलेशिया (शुभांगी)। मलेशिया के जोहोर राज्य स्थित थियनहौ मंदिर ने हाल ही में दुनिया की पहली AI आधारित माजू प्रतिमा का अनावरण किया है। माजू, जिन्हें समुद्र की देवी के रूप में पूजा जाता है, अब डिजिटल रूप में भक्तों से संवाद कर रही हैं, जिससे आस्था और तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है।

कैसे काम करती है एआई माजू?

इस डिजिटल प्रतिमा को एक बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया है, जिसमें माजू को पारंपरिक चीनी वेशभूषा में दिखाया गया है। श्रद्धालु इस एआई माजू से आशीर्वाद मांग सकते हैं, अपने द्वारा खींची गई भाग्य स्टिक (fortune sticks) की व्याख्या करवा सकते हैं और व्यक्तिगत सवालों के उत्तर भी प्राप्त कर सकते हैं।

मंदिर प्रशासन का दावा है कि यह "दुनिया की पहली एआई माजू" है, जो विश्वास और तकनीक को जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है।

इस एआई माजू को मलेशिया की तकनीकी कंपनी Aimazin ने विकसित किया है, जो एआई क्लोनिंग सेवाओं के लिए जानी जाती है। कंपनी के संस्थापक शिन कोंग ने एक डेमो वीडियो में एआई माज़ू से अप्रत्याशित सौभाग्य (pian cai yun) के बारे में प्रश्न पूछा। माजू ने शांत और स्नेही आवाज में उत्तर दिया, "अगर आप घर पर रहें, तो अप्रत्याशित सौभाग्य की संभावना बढ़ेगी।" एक अन्य उदाहरण में, जब एक इन्फ्लुएंसर ने नींद न आने की समस्या साझा की, तो एआई माजू ने मातृत्व भाव से सलाह दी, "सोने से पहले थोड़ा गर्म पानी पिएं।"

श्रद्धालुओं की भावनात्मक प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर मंदिर द्वारा वीडियो साझा किए जाने के बाद भक्तों ने प्रार्थना के इमोजी और आशीर्वाद की कामनाओं से पोस्ट को भर दिया। डिजिटल देवी के प्रति आस्था और अपनापन दोनों ही स्पष्ट रूप से झलकने लगे।

परंपरा और तकनीक का मिलन

एआई माजू की लॉन्चिंग समुद्र देवी के 1,065वें जन्मदिन के अवसर पर की गई। माजू का जन्म 960 ईस्वी में चीन के फुजियान प्रांत के मेईझोउ द्वीप पर हुआ था। इतिहास के अनुसार, वह एक साधारण लड़की थीं, जिनका नाम लिन मो था। समुद्री तूफान में डूबते लोगों को बचाने के प्रयास में उनका निधन हो गया, जिसके बाद उन्हें समुद्र यात्रियों की संरक्षक देवी के रूप में पूजनीय स्थान प्राप्त हुआ।

माजू की वैश्विक उपस्थिति

आज माजू को चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान और इंडोनेशिया सहित कई देशों में श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। मलेशिया का यह प्रयास दर्शाता है कि कैसे आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके भी सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था को नए युग से जोड़ा जा सकता है।

Next Story