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पेड प्रमोशन पर यामी गौतम ने निकाली भड़ास! ऋतिक रोशन ने किया सपोर्ट, जानें अभिनेत्री ने क्या कहा

मुंबई। एक्ट्रेस यामी गौतम ने पेड प्रमोशन और उसके सिंडिकेट पर अपनी भड़ास निकाली है। साथ ही ये भी बताया कि ये कैसे क्रिएटिविटी को पीछे धकेल रही है। यामी ने इसको लेकर अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट पर यामी को ऋतिक रोशन का भी साथ मिला है। ऋतिक ने भी यामी गौतम की बात का सपोर्ट करते हुए कमेंट किया है।
यामी ने इस मैलप्रेक्टिस को लेकर अपने एक्स अकाउंट पर एक लंबा चौंड़ा पोस्ट शेयर किया है। जिसमें यामी ने लिखा कि कुछ ऐसा है जो मैं बहुत समय से व्यक्त करना चाह रही थी।, मुझे लगता है कि आज वह दिन है और मुझे यह कहना ही होगा। फिल्म की मार्केटिंग के नाम पर पैसे देने का यह तथाकथित चलन, यह सुनिश्चित करने के लिए कि फिल्म का अच्छा 'प्रचार' हो, वरना 'वे' लगातार नकारात्मक बातें लिखते रहेंगे।
वहीं यामी ने आगे कहा कि जब तक आप 'उन्हें' पैसे नहीं दे देते, यह एक तरह की जबरन वसूली के अलावा कुछ नहीं लगता। सिर्फ इसलिए कि यह व्यवस्था किसी के लिए भी सुलभ है- चाहे किसी फिल्म का 'प्रचार' करना हो या किसी अन्य अभिनेता/फिल्म के खिलाफ नकारात्मकता फैलाना हो, यह एक ऐसी महामारी है जो हमारे उद्योग के भविष्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाली है।
हालांकि यामी ने कहा कि दुर्भाग्य से अगर किसी को लगता है कि यह हानिरहित है और चलो इसे करते हैं क्योंकि यह नया 'सामान्य' है, तो वह गलत है। यह 'प्रवृत्ति' का राक्षस अंततः सभी को डसने वाला है। अगर पिछले 5 वर्षों में कौन और क्या 'सफलता' है, इसकी आड़ में लाखों चीजों के बारे में सच्चाई उजागर हो जाती है, तो दुर्भाग्य से यह कई लोगों के लिए अच्छी तस्वीर नहीं होगी।
यामी ने कहा कि दक्षिण में कोई भी ऐसी हिम्मत नहीं कर सकता क्योंकि उद्योग कई मोर्चों पर एकजुट है। मैं अपने सम्मानित निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं से आग्रह करती हूं कि वे इस संस्कृति के दीमक को यहीं रोकने के लिए एकजुट हों। मैं यह एक बेहद ईमानदार व्यक्ति की पत्नी के रूप में कह रही हूं, जिसने अपनी अथक मेहनत, दूरदर्शिता और धैर्य के साथ अपनी टीम के साथ मिलकर इस फिल्म को कुछ ऐसा बनाने के लिए अपना सब कुछ दिया है जिस पर मुझे पता है कि भारत को गर्व होगा।
यामी ने कहा कि मैं यह बिरादरी के एक बेहद चिंतित सदस्य के रूप में कह रही हूं, जो उद्योग के कई अन्य पेशेवरों की तरह, भारतीय सिनेमा को अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ फलते-फूलते देखना चाहता है, न कि इसके विपरीत। आइए फिल्म निर्माण और इसे दुनिया के सामने पेश करने के आनंद को खत्म न करें और दर्शकों को यह तय करने दें कि वे क्या महसूस करते हैं। हमें अपने उद्योग के माहौल की रक्षा करने की आवश्यकता है।
वहीं यामी के इस पोस्ट पर ऋतिक रोशने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। ऋतिक ने इसी पोस्ट के कमेंट में लिखा कि किसी भी चीज से ज्यादा, जो सुनहरा पहलू खो जाता है और उन्हें और हम सभी को दरिद्र बना देता है, वह है पत्रकारों की सच्ची आवाज। एक ऐसा मौका जो उन्हें एक फिल्म के पीछे की सभी रचनात्मक शक्तियों को यह बताने का मौका देता है कि उन्होंने क्या महसूस किया, क्या सोचा, किसकी सराहना की और किसकी आलोचना की।
ऋतिक रोशने ने आगे कहा कि केवल सच्ची राय ही वह क्षमता रखती है जहं प्रतिक्रिया हमें विकसित होने में मदद करती है। उनकी अपनी स्वतंत्रता का अधिकार अनजाने में ही छीन लिया जाता है और साथ ही हमारे विकास का अवसर भी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना, सच्चाई के बिना जो हमें विकसित होने में मदद करती है, वे या हममें से कोई भी नौकरी से किस संतुष्टि की आशा कर सकता है?




