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Ola-Uber-Rapido की कर पाएंगे सस्ती सवारी! प्राइवेट मोटरसाइकिल को बाइक टैक्सी की तरह किया जा सकता इस्तेमाल

Shilpi Narayan
2 July 2025 12:48 PM IST
Ola-Uber-Rapido की कर पाएंगे सस्ती सवारी! प्राइवेट मोटरसाइकिल को बाइक टैक्सी की तरह किया जा सकता इस्तेमाल
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बाइक टैक्सी से न सिर्फ ट्रैफिक और प्रदूषण कम होगा बल्कि ये दूसरे लोगों के आने जाने के लिए भी किफायती ऑप्शन होगा

नई दिल्ली। आजकल लोगों को अगर कहीं जाना हो तो जमकर बाइक टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं। किराया सस्ता होने के साथ ही ये भारी ट्रैफिक से आसानी से बचाकर आपको मंजिल तक पहुंचा देती है।

सरकार के नए आदेश ने बहस को कर दिया खत्म

बता दें कि पिछले कुछ समय से बाइक टैक्सी को लेकर अटकलें काफी तेज हो रही थीं। लेकिन सरकार के नए आदेश ने बहस को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब सरकार ने आधिकारिक तौर पर कह दिया है कि प्राइवेट मोटरसाइकिल को बाइक टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस में राइट एग्रीगेटर ऐप्स के लिए कई दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं। इसके अनुसार राज्य सरकारें नॉन ट्रांसपोर्ट मोटरसाइकिल यानी निजी बाइक को शेयर्ड मोबिलिटी ऐप पर चलाने की परमिशन दे सकती हैं।

लोगों को आने जाने के लिए भी किफायती ऑप्शन होगा

दरअसल, सरकार का इसको लेकर कहना है कि इस कदम से न सिर्फ ट्रैफिक और प्रदूषण कम होगा बल्कि ये दूसरे लोगों के आने जाने के लिए भी किफायती ऑप्शन होगा। इस नियम के अनुसार राज्य सरकारें तय करेंगी कि एग्रीगेटर्स बाइक सर्विस के लिए रोजाना, साप्ताहिक या पखवाड़ा किस आधार पर लाइसेंस देना है। राज्य सरकारें एग्रीगेटर्स से इसके बदले फीस भी ले सकती हैं।

फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया

दरअसल, यह फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है। राज्य सरकारें चाहेंगी तो ये फैसला लागू होता। वहीं अगर नहीं चाहेंगी तो नहीं होगा। इससे पहले कर्नाटक सरकार ने 16 जून से बाइक टैक्सी सर्विस को बंद कर दिया था।

तीन महीने पहले अदालत ने दिया था फैसला

बता दें कि कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनियों को अदालत के फैसले का पालन करना होगा। इसके साथ ही रेड्डी ने कहा कि तीन महीने पहले अदालत ने फैसला दिया था कि बाइक टैक्सियां ​​अवैध हैं। पहले अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया था और फिर अनुरोध पर छह सप्ताह का और समय दिया। लेकिन अब तक 12 सप्ताह बीत चुके हैं। वहीं कंपनियों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा।

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