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अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण कोर्ट का कामकाज प्रभावित, हड़ताल का आज एक माह पूरा
अधिवक्ताओं पर कोर्ट परिसर में 29 अक्टूबर को हुआ था लाठीचार्ज
गाजियाबाद। जिला जज से विवाद के बाद कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में कचहरी में अधिवक्ताओं की हड़ताल का एक माह आज पूरा हो गया है। 29 अक्टूबर को कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ था।
हड़ताल अब भी जारी है, जिससे कोर्ट में कामकाज शुरू नहीं हो सका है। इसके कारण मुकदमों में सुनवाई नहीं हो पा रही है। कई महत्वपूर्ण केस फैसले के करीब हैं, लेकिन अब उनमें तारीख पर तारीख मिल रही है। पीड़ितों को इंसाफ मिलने में देरी हो रही है और उनका इंतजार बढ़ता जा रहा है।
इस कारण से हुआ था बवाल
कविनगर थाने में अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने दो अक्टूबर को धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। आरोप है कि उनकी और उनके साथी की 90 लाख रुपये की संपत्ति को फर्जी एग्रीमेंट के जरिए बेच दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में डासना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाजी आरिफ अली, गुलरेज आलम, रिजवान अली, हसमुद्दीन, मोहम्मद फहीम, नसरुद्दीन, फातिमा परवीन, जफरुद्धीन और खुर्शीदन को नामजद किया गया है।
इस मामले में आरोपितों को 28 अक्टूबर तक के लिए अग्रिम जमानत मिल गई थी। 29 अक्टूबर को इस मामले में आरोपितों की जमानत पर कोर्ट में सुनवाई जल्दी करने या दूसरे कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की बात शिकायतकर्ता के अधिवक्ता नाहर सिंह यादव द्वारा जिला जज से कहने पर विवाद हो गया। अधिवक्ताओं ने हंगामा शुरू किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसके बाद कचहरी में बवाल हुआ और पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की गई। इस प्रकरण में अधिवक्ताओं के खिलाफ एक केस कोर्ट के कर्मचारी और दूसरा पुलिस ने कविनगर थाने में दर्ज कराया है। कचहरी में हुए बवाल के बाद चार नवंबर से अधिवक्ता हड़ताल पर हैं।
वकीलों की मुख्य मांगें
- जब तक जिला जज का निलंबन नहीं होता, हड़ताल जारी रहेगी।
- लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई।
- अधिवक्ताओं के लिए प्रोटेक्शन एक्ट नहीं बनाया जाता है।
- अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाते और जख्मी अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद नहीं मिलती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
कोर्ट में हड़ताल के कारण आरोपितों की जमानत बढ़ रही
कोर्ट में हड़ताल के कारण आरोपितों की जमानत लगातार बढ़ रही है। अधिवक्ताओं पर कचहरी की पुलिस चौकी में आगजनी करने, सरकारी काम में बाधा डालने, पथराव करने सहित बलवे की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इन दोनों मामलों में पुलिस ने जांच के लिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मुहैया कराने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। अब तक इन दोनों केसों में जांच आगे नहीं बढ़ी है।
उधर, 29 अक्टूबर को जिस मामले में जमानत को लेकर सुनवाई चल रही थी, उसमें कोर्ट में हड़ताल के कारण आरोपितों की जमानत लगातार बढ़ रही