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उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव 2024: नैमिषारण्य से सपा का हिंदुत्व कार्ड, 2024 में वापसी के लिए अखिलेश ने चलाया नया राजनीतिक दांव

लोकसभा चुनाव 2024: नैमिषारण्य से सपा का हिंदुत्व कार्ड, 2024 में वापसी के लिए अखिलेश ने चलाया नया राजनीतिक दांव
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समाजवादी पार्टी के नैमिषारण्य में आयोजित दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आज अंतिम दिन है। प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव संबोधित करेंगे. इस दौरान वे कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव में जीत का मंत्र देंगे.

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में सरगर्मियां जोरों पर हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी समाजवादी पार्टी समेत तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। आने वाले चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। 2024 में होने वाले युद्ध के लिए शतरंज की बिसात बिछानी शुरू हो चुकी है. अपने विरोधियों को मात देने के लिए पार्टियां नए-नए हथकंडे अपना रही हैं। इसी क्रम में सपा ने भी हिंदुत्व कार्ड खेलने का प्रयास किया है। समाजवादी पार्टी साधु संतों की धरती नैमिषारण्य में दो दिवसीय पदाधिकारियों का सम्मेलन आयोजित कर रही है। लोकजागरण अभियान का आज दूसरा दिन है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पदाधिकारियों के बीच रहेंगे और उन्हें 2024 की रणनीति बताएंगे.

पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे अखिलेश

लोकसभा चुनाव से पहले सपा संगठन के इस खेमे का विशेष महत्व है। शिविर के पहले दिन कार्यक्रम की शुरुआत में सपा नेता रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव पहुंचे. इसके बाद अखिलेश यादव भी देर शाम पहुंचे। अब शनिवार को 11 बजे से कार्यक्रम शुरू होगा। जहां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कार्यक्रम में पहुंचेंगे. वहां मौजूद 5 हजार सपा कार्यकर्ताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बूथ स्तर तक जाने का निर्देश दिया जाएगा. इतना ही नहीं सपा मुखिया 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत का मंत्र भी देंगे. इसके बाद अखिलेश लोक जागरण यात्रा के लिए निकलेंगे. इस दौरान अखिलेश यादव रथ पर सवार होकर सिधौली के लिए रवाना होंगे. वहां पहुंचने के बाद वह सपा के पूर्व विधायक हरगोविंद भार्गव के सिधौली स्थित आवास पर पहुंचेंगे.

सपा नरम हिंदुत्व की ओर बढ़ रही है

सपा नेता पार्टी को सेक्युलर बताते हैं. उनका कहना है कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है, लेकिन कहीं न कहीं उनका मानना है कि बीजेपी को हराने के लिए हिंदुत्व कार्ड जरूरी है. इसके बिना बीजेपी की काट संभव नहीं है. कहीं न कहीं सपा जानती है कि वह केवल अपने मूल वोटर एमवाय फैक्टर (मुस्लिम यादव) के भरोसे चुनाव नहीं जीत सकती। यही वजह है कि सपा नैमिषारण्य में पूजा-पाठ कर वर्ग विशेष की अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रही है. फिलहाल सपा नरम हिंदुत्व की ओर बढ़ती दिख रही है। अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के लिए यह कितना फायदेमंद होगा या नुकसानदेह.

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