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उत्तर प्रदेश

अब बचेगी फसल: खेतों के चारों ओर लगाए जाएंगे करंट वाले तार, पर नहीं होगी पशु की मौत

Trinath Mishra
4 July 2023 6:28 AM GMT
अब बचेगी फसल: खेतों के चारों ओर लगाए जाएंगे करंट वाले तार, पर नहीं होगी पशु की मौत
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लखनऊ। फसलों को छुट्टा पशुओं एवं जंगली जानवरों से बचाने के लिए कृषि विभाग मुख्यमंत्री सुरक्षा योजना (सोलर फेंसिंग) लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसमें खेत के चारों तरफ तार लगाएं जाएंगे, जिनमें 12 वोल्ट का करंट दौडे़गा। इससे खेत में घुसने की कोशिश करने वाले पशु या जानवर को केवल जोर का झटका लगेगा। उसे कोई नुकसान नहीं होगा। पूरा सिस्टम सौर ऊर्जा से काम करेगा और इसकी पूरी लागत पर सरकार 60 प्रतिशत अनुदान देगी। प्रस्ताव तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इसके प्रस्तुतिकरण की तैयारी है।

छुट्टा पशुओं की समस्या से किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। उधर सरकार इन पर अंकुश लगाने के तमाम उपाय कर रही है। पर, सारे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। पशु फसलों को चट कर रहे हैं। रही सही कसर जंगली जानवर पूरी कर देते हैं। किसानों ने इनसे बचाव के लिए कटीले तार लगाने शुरू किए, तो सरकार ने इस पर रोक लगा दी। सरकार का कहना था कि इससे गोवंश घायल हो रहे हैं, पर किसान अब भी तार लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे आखिर क्या करें। अब सरकार इस समस्या से निजात के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना (सोलर फेंसिंग) पर काम कर रही है। कृषि विभाग ने इसका पूरा प्रस्ताव तैयार किया है।

हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु की स्टडी

राजस्थान, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कर लाभ उठा रहे हैं। वहां यह योजना लागू है। अपने यहां इन राज्यों की स्कीम का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। तैयारी है कि योजना और बेहतर बने। बैटरी से चलने वाले इस सोलर फेंसिंग की लागत लगभग 1,43000 रुपये प्रति हेक्टेयर आती है। सरकार लघु सीमांत किसानों को योजना के दायरे में रखते हुए 60 प्रतिशत अनुदान देगी।

लगभग 50 करोड़ का बजट, बुंदेलखंड पर फोकस

इस योजना का पहला चरण बुंदेलखंड के 7 जिलों में लागू करने की तैयारी है। यहां छुट्टा पशुओं का उत्पात ज्यादा है। पहले चरण में लगभग 50 करोड़ रुपये का बजट रखने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट में किसान को बैटरी, वायर, खंभे, स्टार्टर, सोलर पैनल, सायरन आदि सभी लगाना होगा और इस पूरे प्रोजेक्ट पर सरकार छूट देगी। तार कसने के लिए खंभे की दूसरे से 5 मीटर की औसत दूरी और जमीन के स्तर से 1.5 मीटर से 2.10 मीटर ऊंचाई पर क्षैतिज तारों की सात से नौ लाइनें लगाई जाएंगी। एक हेक्टेयर में लगभग 400 मीटर तार की बाड़ लगानी होगी। जिन किसानों ने सोलर पंप लगाएं हैं उन्हें यह प्लांट लगाने में आसानी होगी और वह उसी से इसे भी जोड़ सकेंगे।

बजेगा सायरन, पशु और फसल दोनों सुरक्षित

इस योजना की खासियत यह रहेगी कि इसमें छुट्टा पशु और किसानों की फसलें दोनों ही सुरक्षित रहेंगे। सोलर फेंसिंग बिना नुकसान पहुंचाए जानवरों को खेतों से दूर रखती है। 12 वोल्ट का करंट पशु और मानव दोनों के लिए नुकसानदेह नहीं है। इसका झटका लगने से पशु पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा और वह खेत की तरफ नहीं आएगा। इसके अलावा पशु के बाढ़ को छूते ही सायरन भी बजेगा। इसका असर आसपास के अन्य किसानों पर भी पड़ेगा और वह खेतों से दूर भागेंगे।

Trinath Mishra

Trinath Mishra

Trinath Mishra is a senior journalist from Meerut and he has more than 11 years of Print and Digital Media Experience.

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