
गृहकर नियमविरुद्ध वसूली पर महापौर ने लिखा यूपी मुख्यमंत्री एवं संगठन के प्रमुख लोगों को पत्र

गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों द्वारा डीएम सर्किल रेट के आधार पर सम्पत्ति कर बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है और शहर की जनता को नोटिस भेजकर नियम विरूद्ध बढ़ाये गये सम्पत्ति कर को जमा करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है। नगर आयुक्त ने डीएम सर्किल रेट के आधार पर नियम विरूद्ध बढ़ी हुई दरों से सम्पत्ति कर जमा कराने के लिए शहर में भी लगातार रेडियो अनाउंसमेन्ट कराया जा रहा है। जिससे कि शहर की जनता में भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है तथा केन्द्र व प्रदेश सरकार के विरूद्ध माहौल बन रहा है। जिसको लेकर महापौर सुनीता दयाल ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं संगठन के प्रमुख जन को पत्र लिखा है। बताया है कि इस विषय में गाजियाबाद नगर निगम की सदन की बैठक 07 जनवरी 2023 के प्रस्ताव सं0-501 के तहत सदन के समक्ष यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया कि पूर्व में सदन की बैठक में प्रतिवर्ष की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव पारित हुआ था। इसी प्रस्ताव के आधार पर ही इस वर्ष का गृहकर भी 10 प्रतिशत अर्थात् 05 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जाये। उक्त प्रस्ताव पर सभी पार्षदगणों से कहा गया कि सदन के पूर्व निर्णय के अनुसार 10 प्रतिशत गृहकर बढ़ाया जाये। यह प्रस्ताव उसी वर्ष में लागू हो गया था। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-174 (2) के खण्ड (ख) की व्यवस्थानुसार नगर आयुक्त से प्रत्येक 02 वर्ष में एक बार सम्पत्ति कर की दरें निर्धारित की जा सकती है। 31 मार्च 2025 तक गृहकर में बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती।
09 जनवरी को सदन की बैठक में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी गाजियाबाद नगर निगम से सदन को अवगत कराया गया कि पहले वर्ष में जो 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है वह सदन के आवेशानुसार की गयी है। वर्तमान में जो भी वृद्धियां हो रही है वह कारपेट एरिया के आधार पर रिवीजन का कार्य किया जा रहा है। टैक्स रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। इसी विषय पर सदन को नगर आयुक्त, गाजियाबाद नगर निगम से भी अवगत कराया गया कि नगर निगम से दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। एआरवी के आधार पर वार्षिक मूल्यांकन में बढ़ोत्तरी हुई होगी।




