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उत्तर प्रदेश

UP: झांसी-कानपुर हाईवे पर लगे जाम में फंसी आठ एंबुलेंस, नवजात की मौत, ये लापरवाही के हाथों कत्ल हुआ है साहब..

Trinath Mishra
27 Jun 2023 5:30 PM GMT
UP: झांसी-कानपुर हाईवे पर लगे जाम में फंसी आठ एंबुलेंस, नवजात की मौत, ये लापरवाही के हाथों कत्ल हुआ है साहब..
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.झांसी: झांसी में रविवार दोपहर करीब तीन बजे झांसी-कानपुर हाईवे पर पारीछा पावर प्लांट के सामने फ्लाईओवर पर डीजल भरा टैंकर पलट जाने से 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस जाम में आठ एंबुलेंस और हजारों वाहन फंस गए। इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज लाए जा रहे एक नवजात की मौत हो गई, जबकि आठ मरीजों की हालत बिगड़ गई।रात को करीब बारह बजे जाम खुलने के बाद मरीजों को अस्पताल भेजा जा सका। दरअसल, करीब तीन बजे झांसी से उरई जा रहा डीजल से भरा टैंकर पारीछा पावर प्लांट के सामने फ्लाई ओवर पर टायर फट जाने से पलट गया। टैंकर के सड़क के बीचों-बीच पलट जाने से आने-जाने का पूरा रास्ता बंद हो गया। इस कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगने लगीं। सूचना पर कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड के साथ बड़ागांव पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन रास्ता खाली नहीं हुआ। देखते-देखते वहां वाहनों की लंबी लाइन लगती गई। रात को करीब आठ बजे तक पारीछा से लेकर चिरगांव तक ट्रक, बस, कार समेत हजारों वाहन जाम में फंस गए।

छोटे वाहनों के निकलने का भी कोई रास्ता नहीं था। उरई से झांसी आने वालीं 8 एंबुलेंस भी फंस गईं। एक एंबुलेंस में उरई निवासी सोनू कुशवाहा अपने दो दिन के बेटे के साथ थे। दो दिन पहले उनके पुत्र का जन्म हुआ था। सांस लेने में परेशानी होने से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, लेकिन जाम में एंबुलेंस के फंस जाने से बच्चे को मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं कराया जा सका। एबुलेंस के भीतर ही उसने दम तोड़ दिया। रास्ते में अन्य एंबुलेंस भी फंसी थीं। तीन एंबुलेंस में बुजुर्ग थे जिन्हें मेडिकल काॅलेज भर्ती कराने ले जाया जा रहा था, जबकि दो में महिला मरीज थीं। तीन एंबुलेंस हादसों में घायल युवकों को लेकर मेडिकल आ रही थीं।

जब हंगामा शुरू हुआ तो बड़ागांव, चिरगांव समेत आसपास के थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन जाम नहीं खुलवा सकी। देर-रात करीब बारह बजे के बाद किसी तरह जाम खुल सका। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कई थानों की फोर्स को तत्काल मौके पर भेज दिया गया था। मशक्कत के बाद जाम खुलवाया गया।

जाम में जान नहीं गई, यह लापरवाही के हाथों 'कत्ल' है साहब

वैसे तो सभी यह कहेंगे कि एंबुलेंस जाम में फंसी थी और समय से इलाज न मिल पाने के कारण नवजात की जान चली गई। लेकिन अगर इसका दूसरा पहलू देखेंगे तो नवजात की जान जाम में नहीं गई बल्कि यह तो लापरवाही के हाथों कत्ल हुआ है। इसके लिए जिम्मेदार हैं वह सभी विभाग जो अगर समय से कोशिश करते तो इतना लंबा जाम लगता ही नहीं। झांसी-कानपुर हाईवे पर पारीछा पावर प्लांट के पास डीजल से भरा टैंकर दोपहर को करीब तीन बजे पलटा था। लेकिन पुलिस और दूसरे लोग करीब साढ़े तीन बजे सक्रिय हुए। उन लोगों का जोर भी समय से फायर ब्रिगेड को बुलाने पर रहा। आसपास के लोगों ने बताया कि जब फायर ब्रिगेड की गाड़ी यहां पहुंच गई थी तब पुलिस भी खामोश हो गई। किसी ने उसी वक्त ही जाम खुलवाने की कोशिश नहीं की।

ट्रैफिक को डायवर्ट भी नहीं किया गया। जब जाम लगा था तब वाहनों को जगह जगह रोकना चाहिए था लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। उरई निवासी सोनू कुशावाहा ने बताया कि जब बच्चे की तबीयत बिगड़ रही थी तब वह वहां मौजूद पुलिस वालों से बार बार कह रहा था कि उसे किसी दूसरी गाड़ी से ही भिजवा दिया जाए लेकिन उसकी बात कोई सुन ही नहीं रहा था। अगर वह लोग समय से अस्पताल पहुंच जाते तो बेटे की जान बच सकती थी।

समय रहते पुलिस को उठाए थे यह कदम

जिस तरह से टैंकर सड़क पर पड़ा था, उसे देखकर यह साफ हो गया था कि करीब दो घंटे से पहले उसे वहां से नहीं हटाया जा सकता। ऐसे में जाम से बचने को वैकल्पिक कदम उठाए जाने चाहिए थे। सड़क जाम हो जाने की वजह से इमरजेंसी ट्रैफिक प्लॉन पर अमल करते हुए झांसी से बड़ागांव की ओर जाने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते से आगे भेजना था। इन वाहनों को पहले नहीं रोका गया। इस वजह से पारीछा के पास वाहनों का दबाव बढ़ गया। जाम लगने के बाद भी अगर पुलिस एवं प्रशासन समय पर सक्रिय हो जाता तब इतना लंबा जाम नहीं लगता। कई घंटे तक पुलिस खुद ही जाम के खुल जाने का इंतजार करती रह गई।

कई घंटे बाद भी जब जाम नहीं खुला। हालात बेकाबू हो गए तब जाकर पुलिस ने जाम खत्म कराने की कवायद आरंभ की। समय पर यह कवायद आरंभ होने पर जाम से बचा जा सकता था।

Trinath Mishra

Trinath Mishra

Trinath Mishra is a senior journalist from Meerut and he has more than 11 years of Print and Digital Media Experience.

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