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उत्तर प्रदेश

यूपी: आयकर विभाग ने जब्त की नोटबंदी के दौरान खरीदी गई पूरे गांव की जमीन; रियल एस्टेट कंपनी पिंटेल और अमरावती समूह...

Abhay updhyay
22 July 2023 6:34 AM GMT
यूपी: आयकर विभाग ने जब्त की नोटबंदी के दौरान खरीदी गई पूरे गांव की जमीन; रियल एस्टेट कंपनी पिंटेल और अमरावती समूह...
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रियल एस्टेट कंपनी पिंटेल और अमरावती ग्रुप की इनकम टैक्स जांच में पिछली नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर काले धन से जमीन खरीदने का खुलासा हुआ है. पता चला कि अमरावती ग्रुप ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के पास काकोरी के कठिंगरा गांव की लगभग सारी जमीन नोटबंदी के दौरान किसानों को मुंहमांगी कीमत देकर खरीद ली थी.इससे जुड़े 70 विक्रय पत्रों में से प्रत्येक में जमीन के कई खसरा नंबर शामिल हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। इन सभी को 15 दिन पहले आयकर विभाग ने आईटी एक्ट के तहत जब्त कर लिया था, जबकि इसमें शामिल पांच सेल डीड की जमीनें गुरुवार को बेनामी एक्ट के तहत जब्त कर ली गईं।गौरतलब है कि हाल ही में आयकर विभाग ने दोनों रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़े गोमतीनगर विस्तार निवासी हरेश मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां बरामद जमीनों के दस्तावेजों में हसनगंज, उन्नाव निवासी शिवकुमार का नाम सामने आया था।अगले दिन जब आयकर टीम ने शिवकुमार से पूछताछ की तो उन्होंने बयान दिया कि सारी जमीनें हरेश मिश्रा के जरिए खरीदी गईं, जिसमें सिर्फ उनके नाम का इस्तेमाल किया गया. बता दें कि हरेश मिश्रा पिंटेल, अमरावती और एक्सेला ग्रुप की ज्यादातर परियोजनाओं में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं।

एक बड़ी टाउनशिप बनाने के लिए अवैध रूप से जमीन खरीदी गई

आयकर विभाग ने इन जमीनों को आईटी एक्ट के तहत जब्त कर लिया और लखनऊ के रजिस्ट्रार को इसकी सूचना दे दी. आगे जांच करने पर पता चला कि इसमें से पांच जमीनें हाल ही में अमरावती ग्रुप में काम करने वाले रवि कुमार के नाम पर ट्रांसफर की गई हैं. ये ज़मीनें दलित समुदाय के व्यक्ति से खरीदी गई थीं, जिनमें से कुछ ज़मीनें खसरा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के पास स्थित हैं।आशंका है कि दोनों रियल एस्टेट कंपनियों ने बड़ी टाउनशिप बनाने के लिए अवैध रूप से जमीन खरीदी थी. जिसके बाद आयकर विभाग ने गुरुवार को रवि कुमार के नाम पर हस्तांतरित जमीनों को बेनामी एक्ट के तहत जब्त करने का आदेश जारी किया है.

बेनामी एक्ट के तहत जब्त की गई जमीन

रवि कुमार के नाम पर चार महीने पहले ट्रांसफर की गई पांच विक्रय पत्र वाली काकोरी के कठिंगरा गांव की जमीन को बेनामी एक्ट के तहत जब्त कर लिया गया है। इन विक्रय पत्र में 50 से अधिक खसरा नंबर वाली करीब 40 हजार वर्ग मीटर जमीन शामिल है। इसके अलावा वर्ष 2015-16 में शेष 65 विक्रय विलेखों की खरीद के कारण बेनामी अधिनियम के स्थान पर आईटी अधिनियम के तहत जब्त किया गया है।इनकी कीमत करीब 3.50 करोड़ रुपये है, हालांकि मौजूदा कीमत इससे भी ज्यादा होने का अनुमान है। वहीं, सभी 70 विक्रय पत्र वाली जमीनों की कीमत 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है. इस संबंध में अमरावती ग्रुप के हरेश मिश्रा ने बताया कि इन जमीनों से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

नेताओं, नौकरशाहों के पास काला धन होने का शक

आशंका है कि इन जमीनों को खरीदने में नेताओं और नौकरशाहों की काली कमाई का इस्तेमाल किया गया है. दरअसल, आयकर विभाग की जांच में इन जमीनों की खरीद-फरोख्त में दी गई रकम का कोई वैध स्रोत नहीं मिला. जिन लोगों के नाम पर जमीनें खरीदी गईं, उनकी हैसियत बहुत कम पाई गई।

Abhay updhyay

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