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रोबोटिक्स मशीन पहुंची, विशेषज्ञ अर्नोल्ड ने कहा- 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालेंगे

SaumyaV
20 Nov 2023 2:42 PM IST
रोबोटिक्स मशीन पहुंची, विशेषज्ञ अर्नोल्ड ने कहा- 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालेंगे
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दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू का आज नौवां दिन है। अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी आज उत्तरकाशी पहुंचे हैं। उन्होंने यहां हालात का जायजा लिया

रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा पहुंची

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा सुरंग स्थल पहुंच गई है। बीतते वक्त के साथ खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है।

श्रमिकों के परिजनों का आवागमन का पूरा खर्चा उठाएगी राज्य सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के ऐसे परिजन जो यहां आना चाहते हैं उनके आवागमन का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने जरूरतमंद परिजनों के मोबाइल रिचार्ज, भोजन, आवास की भी व्यवस्था करने की बात कही।

दो से तीन दिन में पूरी हो सकेगी ड्रिल

सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग के लिए जगह चुन ली गई है। 1.2 मीटर डायमीटर की ड्रिल होगी। जिसका सेटअप अगले 24 घंटे में होने की संभावना है। अब दो से तीन दिन में ड्रिल पूरी हो सकेगी।

निरीक्षण करने पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स

अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी आज उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने यहां निरीक्षण करने के बाद कहा कि हम श्रमिकों को बाहर निकालने ने की कोशिश में जुटे हैं। कहा कि मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हमें तुलना करने की आवश्यकता है। हमने यहां सुरंग के ऊपर जो देखा है और जो हम जानते हैं कि सुरंग के अंदर क्या हो रहा है। हम उन 41 लोगों को बचा रहे हैं और ऐसा करते समय हम किसी को भी चोट नहीं पहुंचने देंगे। यह किसी भी जटिल काम की तरह है। जहां हमें चारों ओर ऊपर से नीचे तक देखना होता है। यहां की टीम बचाव पर इतना ध्यान केंद्रित कर रही है और इतना ध्यान केंद्रित कर रही है कि किसी और को चोट न पहुंचे। फिलहाल, यह सकारात्मक दिख रहा है। हम सभी एक टीम हैं। टनल के ऊपर 320 मीटर दूरी पर टीम ने ड्रिल के लिए स्थान चुना है। यहां से 89 मीटर गहराई तक ड्रिल होगी।

पांचवें पाइप को बढ़ाया जा रहा है आगे

सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग का काम दोबारा चल रहा है। पांचवें पाइप को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस तरह 30 मीटर तक ड्रिल हो जाएगी। टनल के ऊपर सड़क बनाने का काम जारी है। सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग के लिए 1200 मीटर अस्थाई सड़क बनाई जानी है। कल रविवार शाम तक 900 मीटर सड़क बना ली गईथी। अवशेष कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग व बीआरओ के श्रमिक रवाना हो गए हैं।

केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों ने डाला सिलक्यारा में डेरा

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। इस ऑपरेशन के तहत पांच प्लान पर कार्य करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारी सिलक्यारा में ही डेरा डाले हुए हैं। इन तमाम उच्चाधिकारियों ने विशेषज्ञों के साथ सुरंग के भीतर से लेकर इसके ऊपर की पहाड़ी तक दिनभर अनेक बार निरीक्षण कर ड्रिलिंग मशीनों के लिए प्लेटफार्म तैयार करने की कार्रवाई का जायजा लिया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बता दें कि इस अभियान को लेकर उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव डाॅ.रंजीत सिन्हा, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रूहेला सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं।

ड्रिलिंग मशीन को कंक्रीट ब्लाॅक से करेंगे सुरक्षित

सुरंग के अंदर ड्रिलिंग मशीन को भी भूस्खलन से बचाने के लिए कंक्रीट ब्लाॅक से ढका जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन कंक्रीट ब्लाॅक को बीआरओ ने विशेष रूप से भेजा है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि एक बार ड्रिलिंग मशीन की सुरक्षा पुख्ता कर ली जाएगी, तो पाइप डालने का काम दोबारा शुरू हो जाएगा।

बाहर निकलने की पूरी कोशिश जारी: सीएम धामी

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है। और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। मेडिकल की टीम भी वहाँ पर तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है। अब तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी और लगातार स्थिति पर नज़र बनाये हुए है और समन्वय का कार्य कर रही है।


फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं।

Uttarkashi Tunnel Collapse: रोबोटिक्स मशीन पहुंची, विशेषज्ञ अर्नोल्ड ने कहा- 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालेंगे

सिलक्यारा सुरंग में रविवार रात 10 बजे ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम फिर शुरू हो गया। भूस्खलन का खतरा कम करने के लिए शॉटक्रिट मशीन से स्प्रे किया गया है। बैकअप प्लान के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क बनाने का काम भी अंतिम चरण में है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम धामी से फोन पर बात कर राहत बचाव कार्य की जानकारी ली।

राहत एवं बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ड्रिलिंग का काम बंद होने के तीसरे दिन रविवार को रात में फिर शुरू हो गया। वहीं, अंदर फंसे मजदूरों को खाने व ऑक्सीजन की सप्लाई के पाइपों को कंक्रीट ह्यूम पाइप से कवर कर दिया गया है।

भूस्खलन होता भी है, तो इससे खाने के सामान और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित नहीं होगी। उधर, सुरंग के दाएं और बाएं ओर से भी क्षैतिज ड्रिलिंग के लिए भूभौतिकी व भू-वैज्ञानिकों का सर्वे पूरा हो गया है। सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए बन रही 1200 मीटर लंबी सड़क का 900 मीटर हिस्सा बन चुका है। सूत्रों के अनुसार इस काम का जिम्मा लोनिवि, बीआरओ को सौंपा है।

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