उत्तराखंड : गढ़वाल में जनजीवन अस्त-व्यस्त, चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क समेत 27 संपर्क सड़कें बंद
उत्तराखंड में मानसून के प्रवेश के साथ ही गढ़वाल मंडल में बारिश का क्रम रविवार को पूरे दिन जारी रहा। भारी बारिश के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर सुबह 11 बजे के बाद पांच हजार तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया गया। बीती रात से बंद यमुनोत्री हाईवे ओरछा बैंड के पास आठ घंटे बाद रविवार सुबह खुल सका। गंगोत्री हाईवे पर बंदरकोट के पास सड़क बंद होने का सिलसिला दिनभर जारी रहा।
बद्रीनाथ हाईवे चार घंटे बंद रहा
इसके अलावा चीन सीमा पर स्थित गंगोरी नालद को जोड़ने वाली सड़क भी बंद है. कंचनगंगा के ऊपर की पहाड़ी पर भारी बारिश और सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर और मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे करीब चार घंटे तक बाधित रहा।
उधर, गढ़वाल मंडल के पांच जिलों में बारिश के कारण 27 संपर्क मार्ग बंद हैं। रुद्रप्रयाग जिले में रविवार की सुबह बादल छाए रहे, लेकिन 11 बजे तक तेज बारिश शुरू हो गई। इसके चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर छौरी गदेरा आने से तीर्थयात्रियों की आवाजाही बंद हो गई है।
पैदल पड़ावों पर तैनात पुलिस बल, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ के जवानों ने छौड़ी गदेरा, महादेव फॉल समेत अन्य संवेदनशील स्थानों पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित आवाजाही कराई। सोनप्रयाग, सीतापुर, गौरीकुंड, लिनचोली समेत विभिन्न यात्रा पड़ावों पर पांच हजार तीर्थयात्रियों को रोका गया है। मौसम साफ होने पर सोमवार को आवाजाही शुरू कर दी गई।
उत्तरकाशी जिले में ओरछा बैंड के पास शनिवार रात से बाधित यमुनोत्री हाईवे आठ घंटे बाद खुल सका। यहां एक नया भूस्खलन जोन बन गया है। हाईवे का बड़ा हिस्सा भूस्खलन के खतरे में है. फिलहाल हाइवे को सुचारु कर दिया गया है। यदि कोई ठोस इंतजाम नहीं हुआ तो मार्ग दोबारा अवरुद्ध हो सकता है, जिससे गंगोत्री-यमुनोत्री का संपर्क भी कट सकता है। साथ ही यमुना घाटी के पुरोला, नौगांव और मोरी ब्लॉक का संपर्क भी जिला मुख्यालय से कट सकता है.
लंबगांव-केदारनाथ मार्ग करीब तीन घंटे अवरुद्ध रहा
उधर, बारिश के कारण लंबगांव-केदारनाथ मार्ग मानपुर के पास करीब तीन घंटे तक बाधित रहा। फिलहाल गंगोरी नाल्ड को जोड़ने वाली सड़क भी अवरुद्ध है, जिसे साफ करने के लिए पीएमजीएसवाई उत्तरकाशी की टीम काम कर रही है. रविवार सुबह से शाम तक आराकोट-चिवाण मोटर मार्ग सात घंटे बाधित रहा।
लोनिवि पुरोला की टीम ने मार्ग को सुचारू कर दिया है। जुन्गा-ताराकोट और धनारी पुजारगांव मोटरमार्ग अभी अवरुद्ध हैं। उधर, पौडी जिले में बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में दो राज्य राजमार्गों समेत आठ राजमार्ग अवरुद्ध हो गये। इनमें से सात मार्ग शाम तक खुल गए। वहीं, चाय गिवाली-रायतपुर ग्रामीण मोटर मार्ग अब भी अवरुद्ध है।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने सभी उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में आपदा कंट्रोल रूम को अलर्ट रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं, टिहरी जिले में नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। इसके चलते देहरादून की ओर से आने वाले वाहनों को वाया वाया ऋषिकेश आना पड़ा। नरेंद्र नगर में आयोजित जी-20 सम्मेलन में आने वाले सभी मेहमानों को भी इसी सड़क से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचना पड़ा था।
रविवार सुबह नरेंद्र नगर के पास मलबा आने से कुछ देर के लिए ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे भी बंद हो गया था, जिसे सुबह 10 बजे खोल दिया गया। जिले में बारिश से तीन संपर्क मार्ग बंद हैं। रविवार शाम को चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास कंचनगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से मलबे के साथ भारी पत्थर राजमार्ग पर आ गये। हाईवे के दोनों तरफ गाड़ियों की कतार लगी हुई है. इस पर राजमार्ग खोलने के लिए बीआरओ ने दो जेसीबी से मलबा हटाना शुरू किया।
सीमा सड़क संगठन के कमांडर अंकुर महाजन ने बताया कि काम के दौरान मलबा आने से काफी दिक्कत हो रही है. बीआरओ की कड़ी मशक्कत के बाद रात करीब नौ बजे मार्ग सुचारू कर बद्रीनाथ जा रहे 700 यात्रियों को आगे भेजा गया। वहीं, बद्रीनाथ धाम से लौट रहे तीर्थयात्रियों को धाम में ही रोक दिया गया है। इसके अलावा लामबगड़ में एक घंटे तक सड़क अवरुद्ध रही।
सड़क की स्थिति
जिला, हाईवे, लिंक रोड
- पौडी, 00, 01
- टिहरी, 00, 03
- उत्तरकाशी, 00, 04
- रुद्रप्रयाग, 00, 00
- चमौली, 00, 19