सात घंटे की बैठक के बाद सुशीला कार्की बनीं नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति पौडेल ने दिलाई शपथ

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की मौजूदगी में सात घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-09-12 21:30 GMT

नेपाल में पिछले पाँच दिनों से चल रहे जेन-जी आंदोलन और उससे उत्पन्न संवैधानिक संकट का समाधान आखिरकार निकल आया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की मौजूदगी में सात घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

कार्की, जो नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, अब देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी बन गई हैं।

राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण

भारतीय समयानुसार रात 8:45 बजे (नेपाली समय रात 9 बजे) राष्ट्रपति पौडेल ने शीतल निवास में सुशीला कार्की को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही, संसद को भंग करने का ऐलान भी किया गया, जो जेन-जी समूह की प्रमुख मांगों में शामिल था।

संवैधानिक अड़चनों पर चली गहन चर्चा

गुरुवार देर रात कार्की के नाम पर सहमति बनी थी, जिसके बाद शुक्रवार को उनकी नियुक्ति से जुड़ी संवैधानिक बाधाओं को दूर करने पर चर्चा होती रही। इस बैठक में कार्की भी शामिल थीं। फिलहाल जेन-जी आंदोलन की दो बड़ी मांगों—कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना और संसद भंग करना—को ही स्वीकार किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, कार्की की तीन सदस्यीय मंत्रिपरिषद बन सकती है। हालांकि इसमें कौन-कौन शामिल होंगे, इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। यह भी माना जा रहा है कि चुनाव की दिशा और समयसीमा पर फैसला मंत्रिपरिषद के गठन के बाद ही लिया जाएगा।

स्थिरता और सुशासन की उम्मीद

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अंतरिम सरकार बनने से नेपाल में स्थिरता आएगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गति मिलेगी। जनता को

 नई सरकार से पारदर्शिता और सुशासन की उम्मीद है। वहीं, अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील भी की गई है।

अंतरिम पीएम कार्यालय की तैयारी

संसद भवन में आगजनी के बाद सरकार के कामकाज के लिए नए स्थान की तलाश की जा रही थी। शुक्रवार को मुख्य सचिव ने अंतरिम प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए स्थान तय कर लिया है और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। प्रशासन का कहना है कि अगर व्यवस्थाओं में देरी हुई तो जनता के बीच अविश्वास और अनिश्चितता बढ़ेगी। इसलिए अगले एक-दो दिनों में सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।

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