जीएसटी में बड़ा बदलाव जल्द! सरकार मौजूदा स्लैब को घटाकर 2 मुख्य स्लैब कर सकती है, चीजें होंगी सस्ती
सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल मीटिंग में इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला हो सकता है;
नई दिल्ली। फेसटिवल सीज़न से पहले सरकार आम लोगों एवं कारोबारियों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है। GST में सुधार का इंतजार कर रहे उपभोक्ताओं और कारोबारियों को राहत मिल सकती है। सितंबर में जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक होने की संभावना है।
जीएसटी को लेकर जटिलताएं कम हो सकती हैं
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उम्मीद की जा रही है कि होने वाली बैठक में मौजूदा 4 टैक्स स्लैब (5 परसेंट, 12 परसेंट, 18 परसेंट, 28 परसेंट) इन्हें घटाकर सरकार 2 मुख्य स्लैब स्टैंडर्ड और मेरिट में लाना चाहती है, जिससे टैक्स सिस्टम ज्यादा आसान और व्यवस्थित होगी। सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल मीटिंग में इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला हो सकता है।
मौजूदा समय में जीएसटी की संरचना को चार मुख्य प्रकारों में बांटा गया है-
• 5% जीएसटी स्लैब: यह सबसे कम टैक्स स्लैब है, जिसका उद्देश्य रोज़मर्रा की ज़रूरतों को किफ़ायती बनाना और निम्न आय वर्ग पर कर का बोझ कम करना है। इनमें शामिल हैं-
• खाद्य उत्पाद: चीनी, चाय, कॉफी, दूध पाउडर और खाद्य तेल
• दवाइयां: जीवन रक्षक दवाएं और टीके
• परिवहन: रेलवे टिकट, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं
• बुनियादी घरेलू ज़रूरतें: कोयला, मिट्टी का तेल और हस्तनिर्मित वस्तुएं
2% जीएसटी स्लैब: इस स्लैब में अर्ध-आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं, जो कर को कम करती हैं, सामर्थ्य बढ़ाती हैं और राजस्व उत्पन्न करती हैं।
इनमें शामिल हैं:
• पैकेज्ड खाद्य पदार्थ: जैसे पनीर, मक्खन और घी
• बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक सामान: रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और सेल फोन
• स्वास्थ्य देखभाल आपूर्तियां: डायग्नोस्टिक किट और प्रसंस्कृत दवाएं
• आवास और ठहरने की लागत: प्रति रात्रि ₹7,500 से कम
18% जीएसटी स्लैब: अधिकांश उत्पादों और सेवाओं के लिए, यह सामान्य टैक्स स्लैब है। विलासिता और गैर-ज़रूरी वस्तुएं इस श्रेणी में आती हैं, जिन पर उचित कर दर लागू होती है। इनमें शामिल हैं:
इलेक्ट्रॉनिक्स: एयर कंडीशनर, टीवी और लैपटॉप
ठहरने और आवास: प्रति रात्रि ₹7,500 से अधिक
ब्रांडेड परिधान, वित्तीय और बैंकिंग सेवाएं
28% जीएसटी स्लैब: विलासिता और गैर-ज़रूरी वस्तुओं पर लागू होने वाला यह कर स्लैब सबसे ऊंचा है। कुछ वस्तुओं पर अत्यधिक खपत को रोकने के लिए अतिरिक्त उपकर भी लगाया जा सकता है।
इसमें शामिल हैं:
ऑटोमोबाइल: एसयूवी, लक्जरी कारें और 350 सीसी से अधिक विस्थापन वाली मोटरसाइकिलें
पाप उत्पाद: तंबाकू, सिगरेट और कार्बोनेटेड पेय
उच्च-स्तरीय उपकरण: जैसे 500 लीटर से अधिक क्षमता वाले डिशवॉशर और रेफ्रिजरेटर
जुआ और सट्टेबाजी के लिए सेवाएं
आम जनता को टैक्स के बोझ से राहत
विश्व बैंक की 2018 की एक रिपोर्ट में भारत में जीएसटी प्रणाली को दुनिया की सबसे जटिल और दूसरा सबसे महंगा टैक्स सिस्टम करार दिया गया है। दुनिया के 49 देशों में सिंगल स्लैब और 28 देशों में दो स्लैब हैं। केवल पांच ही ऐसे देश हैं, जहां चार या उससे अधिक टैक्स स्लैब हैं। लगभग 21 परसेंट वस्तुएं 5 परसेंट की श्रेणी में, 19 परसेंट वस्तुएं 12 परसेंट श्रेणी में तथा 44 परसेंट वस्तुएं 18 परसेंट स्लैब में आती हैं। फिलहाल, 12 परसेंट टैक्स स्लैब को खत्म करने की बात की जा रही है। इसका मकसद रोजमर्रा की चीजों की कीमत घटाकर महंगाई को कम करना है। इससे देश की आम जनता को राहत मिलेगी।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा
आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस दिवाली एक बड़ा तोहफा देने जा रहा हूं। पिछले आठ सालों में हमने जीएसटी में एक बड़ा सुधार किया है और टैक्स सिस्टम को सरल बनाया है। हमने इसे पूरा कर लिया है, राज्यों के साथ परामर्श भी हो गया है।