प्रेम विवाह के बाद होने वाले तलाक पर प्रेमानंद महाराज ने कहा-शादी के बंधन में बंधने के बाद भी खुली छूट रहती है, तो गृहस्थी होती है बर्बाद
प्रेमानंद महाराज ने कहा हमें धर्म से चलना चाहिए।;
वृंदावन। लव मैरिज को लेकर अक्सर लोगों की सोच यही होती है कि ऐसी शादी अधिक दिनों तक नहीं टिकती है। इस मामले में एक भक्त ने वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज से सवाल पूछते हुए परामर्श मांगा। इस पर संत प्रेमानंद जी ने साफ कहा है अगर अनजाने में कोई भूल हो गई है तो शादी करने के बाद किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
प्यार करके स्वीकार कर लिया तो आजीवन करें निर्वाह
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगर अपवाद को छोड़ दिया जाए तो हमारे देश में आज भी शास्त्रीय विवाह बड़े मंगल तरीके से चल रहे हैं। मंडप पर ही दुल्हा-दुल्हन एक दूसरे का चेहरा देखा करते थे। लेकिन तब भी दोनों जीवन का निर्वाह बहुत अच्छे से करते थे। यदि आप लव मैरिज करने के बाद भी तलाक की बात करते हैं तो प्यार का क्या अर्थ है। यदि प्यार करके एक बार स्वीकार कर लिया तो आजीवन निर्वाह करें, फिर किसी और की तरफ न देखें।
खुली छूट और मनमाने आचरण से हो रही दुर्दशा
उन्होंने कहा कि आज प्यार के लिए खुली छूट है, इस वजह से दुर्दशा हो रही है। यदि बचपन में कोई भूल हो गई है तो विवाह के बाद गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अब बच्चे-बच्चियों को इतनी छूट है कि वे मनमाने आचरण करते हैं। जैसा मन किया वैसा करते हैं। लेकिन शादी के बंधन में बंधने के बाद भी खुली छूट रहती है, तो गृहस्थी बर्बाद हो जाती है। इस समस्या का समाधान सिर्फ धर्म के आश्रय से ही हो सकता है।
अनुसुइया ने अपने पति की आराधना से भगवान को 6 माह का बनाया था
महाराज जी ने आगे कहा कि जब सती अनुसुइया की ब्रह्मा, विष्णु, महेश परीक्षा लेने गए तो उन्होंने अपने पति की आराधना की वजह से भगवान को छह-छह महीने का बालक बना दिया था। ऐसा हमारा भारत देश है, जहां अपने पति के बल से भगवान छह-छह महीने के बालक बन दिए गए। अब बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड और लिव-इन रिलेशनशिप है। अब आपलोग खुद तय कीजिए कि आज किस तरह का चरित्र है।
प्रेम विवाह हुआ है तो आजीवन लड़ाई नहीं होनी चाहिए
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि लव मैरिज करने के लिए माता-पिता का त्याग करने के बाद जो आपके पास लड़की आई है उसके साथ आप गलत व्यवहार कर रहे हैं। अथवा जो लड़का अपने परिवार से विद्रोह करके आपको समर्पित हुआ है उसके साथ पत्नी कैसा व्यवहार कर रही है। यदि दोनों का प्रेम विवाह हुआ है तो आजीवन लड़ाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि आपसी सहमति से हुआ।
काम की पूर्ति में बाधा पड़ते ही लोग फिसल जाते हैं
उन्होंने तलाक होने वाले मामलों पर कहा कि कुछ प्रेम विवाह प्रेम के लिए नहीं होते हैं क्योंकि वो काम के लिए किए गए। जैसे ही काम की पूर्ति में खलल पड़ी वैसे ही लोग फिसलने लगते हैं और पूरा परिवार खत्म हो जाता है। मुझे लगता है कि हमें धर्म से चलना चाहिए।