ऐप लिंक के जरिए ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, जामताड़ा का शातिर गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, 48 वर्षीय सनाउल मियां नाम के व्यक्ति को देवघर जिले से पकड़ा गया। वह एक शिकायत की जांच के बाद सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति से 17 अप्रैल को करीब 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।;
दिल्ली पुलिस ने एक साइबर ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को मोबाइल ऐप डाउनलोड कराने के बहाने उनके खातों से पैसे उड़ा रहा था। इस मामले में झारखंड के जामताड़ा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार, 48 वर्षीय सनाउल मियां नाम के व्यक्ति को देवघर जिले से पकड़ा गया। वह एक शिकायत की जांच के बाद सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति से 17 अप्रैल को करीब 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।
शिकायतकर्ता को एक कॉल आई, जिसमें खुद को बैंक मैनेजर का सहायक बताने वाले व्यक्ति ने दो खातों को जोड़ने में मदद करने की बात कही। इस दौरान उसे एक ऐप डाउनलोड करने को कहा गया। ऐप डाउनलोड करने और स्क्रीन शेयर करते ही उसके खाते से रकम निकाल ली गई।
जांच में पता चला कि यह गिरोह एक .APK फाइल भेजता था, जो एक खतरनाक ऐप था। पुलिस की तकनीकी जांच और निगरानी के बाद आरोपी की लोकेशन जामताड़ा में पाई गई। कर्माटांड़ इलाके में छापेमारी कर सनाउल मियां को पकड़ा गया।
उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए, जिनमें व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्डिंग, बैंक डिटेल्स के स्क्रीनशॉट और नुकसान पहुंचाने वाले ऐप मिले। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह वसीम उर्फ पाचू नामक शख्स के साथ मिलकर काम करता था, जो अभी फरार है।
उन्होंने बताया कि वसीम फर्जी बैंक कस्टमर केयर नंबर के विज्ञापन ऑनलाइन डालता था। लोग जब इन नंबरों पर कॉल करते थे, तो उन्हें ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता था। ऐप के जरिए उनके मोबाइल का एक्सेस मिल जाता था और बैंक जानकारी चुराकर खाते खाली कर दिए जाते थे।
आरोपी ने यह भी बताया कि उन्हें रोज 50 से 60 कॉल्स आती थीं और वे हर दिन चार-पांच लोगों को ठगते थे। वह चोरी के पैसे को भेजने के लिए फर्जी बैंक खातों की व्यवस्था भी करता था, जिन्हें वसीम को सौंप दिया जाता था।
पुलिस के अनुसार, आरोपी के खिलाफ पहले भी उत्तरी दिल्ली में एक मामला दर्ज है। अब पुलिस वसीम और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।