छत्तीसगढ़ रेल हादसे में बड़ी कार्रवाई, अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज – रिपोर्ट में ट्रेन क्रू को बताया गया दोषी
यह हादसा उस समय हुआ जब एक मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) पैसेंजर ट्रेन ने रेड सिग्नल पार कर पटरी पर खड़ी एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी।;
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम हुए भीषण रेल हादसे में 11 लोगों की मौत के बाद अब पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह हादसा उस समय हुआ जब एक मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) पैसेंजर ट्रेन ने रेड सिग्नल पार कर पटरी पर खड़ी एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी। इस टक्कर में छह महिलाओं सहित 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
क्रू मेंबर्स पर प्रारंभिक जिम्मेदारी तय
बुधवार को जारी हुई जॉइंट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के लिए ट्रेन के क्रू मेंबर्स को प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार माना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकल ट्रेन के चालक दल ने खतरे का सिग्नल पार किया था। हालांकि, रेलवे ने इस घटना की विस्तृत जांच के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) स्तर की जांच समिति गठित की है। यह समिति पूरी घटना की जांच करेगी और अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, हादसा सिग्नल या लाइन-स्विचिंग में तकनीकी गड़बड़ी के कारण भी हो सकता है।
रेलवे और सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
भारतीय रेलवे ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की है।
कांग्रेस ने मांगा उच्चस्तरीय जांच और 1 करोड़ मुआवजा
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस हादसे को बड़ी लापरवाही बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बिलासपुर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये तथा घायलों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह हादसा ‘डबल इंजन सरकार’ की लापरवाही का परिणाम है।
बैज ने सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में रेलवे ट्रैकों पर 'सुरक्षा कवच' सिग्नल सिस्टम क्यों नहीं लगाए गए, जबकि रेलवे को सबसे अधिक राजस्व इसी राज्य से मिलता है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर रेलवे जोन से केवल माल भाड़े से केंद्र सरकार को हर साल 25 हजार करोड़ रुपये की आमदनी होती है, फिर भी यहां के यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है।
बताया गया है कि बिलासपुर रेलवे जोन में करीब 600 किलोमीटर ट्रैक पर ‘कवच सुरक्षा सिग्नल प्रणाली’ लगाने का प्रस्ताव मई 2024 से केंद्र सरकार के पास लंबित है।