Guruvaar Vrat: आखिर क्यों रखा जाता है गुरुवार का व्रत, जानें व्रत का महत्व और इसके फायदे
नई दिल्ली। गुरुवार का दिन हिंदू धर्म में बहुत मायने रखता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है। गुरुवार यानि गुरु देव बृहस्पति का दिन। इस दिन विष्णु जी की व्रत रखने और पाठ करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। जो जातक गुरुवार के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और इस व्रत कथा को पढ़ते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं सुखों की प्राप्ति होती है।
गुरुवार व्रत रखने के फायदे
1. धन और समृद्धि में वृद्धि- इस व्रत से धन-समृद्धि आती है और दरिद्रता दूर होती है।
2. सुख-शांति और खुशहाली- यह व्रत घर में सुख-शांति लाता है और जीवन में खुशहाली लाता है।
3. वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं- विवाह में अड़चनें दूर होती हैं और रिश्तों में सुधार आता है।
4. पितृ दोष का निवारण- गुरुवार का व्रत रखने से पितृ दोष समाप्त होता है।
5. बृहस्पति ग्रह की स्थिति मजबूत होती है- कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जिससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
6. ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि- सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और ज्ञान में वृद्धि होती है।
7. मान-सम्मान में वृद्धि- व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
8. रोग और अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है- कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और अल्पायु के योग समाप्त होते हैं।
9. भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की कृपा- इस व्रत से भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
गुरुवार का व्रत रखने के मुख्य कारण और लाभ
भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा- यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के साथ-साथ ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के प्रतीक देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है।
बाधाओं का निवारण- जिन लोगों के काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, विवाह में अड़चनें आती हैं, या रिश्तों में खटास आती है, उन्हें गुरुवार का व्रत रखने से शुभ फल प्राप्त होता है।
कुंडली दोष निवारण- कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने और संबंधित परेशानियों से राहत पाने के लिए भी यह व्रत रखा जाता है।
ज्ञान और बुद्धि का विकास- गुरुवार का व्रत रखने से व्यक्ति की निर्णय क्षमता, ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है, विशेषकर छात्रों के लिए यह पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है।
धन और समृद्धि में वृद्धि- गुरुवार का व्रत रखने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि, शांति और पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
वैवाहिक जीवन में सुधार- यह व्रत वैवाहिक जीवन की अशांति दूर करने और विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान करने में भी सहायक होता है।
महत्व
- धार्मिक दृष्टि से गुरुवार का दिन बहुत शुभ माना जाता है और इस दिन बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। देव गुरु बृहस्पति को ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- हिंदू धर्म में गुरुवार के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं।
- दरअसल, सप्ताह का गुरुवार का दिन प्रभु विष्णु नारायण और बृहस्पति देव को समर्पित है। ऐसे में इस दिन उपवास और पूजा का महत्व और बढ़ जाता है।
- मान्यताओं के मुताबिक, गुरुवार का व्रत रखने से विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा विवाह संबंधी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
किस दिन शुरू करें गुरुवार का व्रत
पौष महीने में गुरुवार का व्रत शुरू नहीं करना चाहिए। गुरुवार का व्रत शुरू करने के लिए अनुराधा नक्षत्र और महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि शुभ मानी जाती है। कहा जाता है कि इन तिथि में गुरुवार का व्रत शुरू करने से विष्णु जी और बृहस्पति देव की अपार कृपा मिलती है। वहीं जो जातक पहले से गुरुवार का व्रत करते आए हैं तो पौष मास में पूजा और व्रत कर सकते हैं।
कितने गुरुवार का व्रत करना चाहिए?
गुरुवार का व्रत महिला और पुरुष दोनों रख सकते हैं। कुछ लोग अपनी मन्नत पूरी होने तक यह व्रत रखते हैं। 16 गुरुवार का व्रत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा 1, 3, 4, 7 या एक साल तक रख सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- गुरुवार व्रत रखने वाले को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कुछ मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार के दिन दाढ़ी, बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए।
- गुरुवार के दिन उड़द की दाल और चावल के सेवन से भी बचना चाहिए।
- मनोकामना पूर्ण होने के लिए 16 गुरुवार का व्रत रखा जा सकता है, जिसके बाद 17वें गुरुवार को उद्यापन किया जाता है।