अहमदाबाद झील के आस-पास अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख, अतिक्रमणकारियों पर होगी बड़ी कार्रवाई
इन लोगों का कहना है कि वे कई दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं और उनके पास राशन कार्ड, वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज भी मौजूद हैं।;
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को अहमदाबाद की चांदौला झील के पास चल रही तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस इलाके में बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिन पर शक है कि वे बांग्लादेश से अवैध रूप से आए हैं।
18 स्थानीय निवासियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि बिना किसी नोटिस के उनके घरों को हटाया जा रहा है, जो कि गलत है। इन लोगों का कहना है कि वे कई दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं और उनके पास राशन कार्ड, वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज भी मौजूद हैं।
न्यायमूर्ति मौना भट्ट ने कहा कि ये घर झील की सीमा में आते हैं और ज़मीन से जुड़े कानून की धारा 37 के तहत ऐसे निर्माणों को हटाया जा सकता है। कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता अतिक्रमणकारी हैं, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता सरकार की पुनर्वास नीतियों के तहत आते हैं तो वे नगर निगम को आवेदन दे सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें कोई लिखित नोटिस नहीं दिया और केवल मौखिक रूप से बताया गया कि तोड़फोड़ होने वाली है। साथ ही, यह भी आरोप लगाया गया कि उन्हें बांग्लादेशी साबित करने के लिए गलत तरीके से कहानी बनाई गई और उनके कुछ परिजनों को हिरासत में लिया गया।
राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य और देश की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है और ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती। सरकार की ओर से कोर्ट में यह भी कहा गया कि चांदौला झील के पास का इलाका अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया है, जिसमें देह व्यापार, नशे की तस्करी, दस्तावेज़ों की जालसाजी और कट्टरपंथियों की मौजूदगी जैसे मामले शामिल हैं।
सरकार ने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में चार बांग्लादेशी नागरिकों को अल-कायदा मॉड्यूल से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया गया है, जिनके तार इसी इलाके से जुड़े हैं। कोर्ट को बताया गया कि चांदौला झील एक संरक्षित जलक्षेत्र है और वहां किसी भी निर्माण की कानूनी अनुमति कभी नहीं दी गई।