जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर से पक्षियों या विमानों के नही उड़ने के पीछे, जानें धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक कारण

Update: 2025-11-23 02:30 GMT

जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर से पक्षियों या विमानों का न उड़ना, इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक कारण, दोनों ही बताए जाते हैं। यह भारत के सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक माना जाता है, जहां कई अद्भुत घटनाएं तर्क की कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं।

धार्मिक मान्यताएं

गरुड़ देव का संरक्षण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, अपने वाहन गरुड़ देव (पक्षियों के राजा) द्वारा मंदिर के ऊपर स्वयं सुरक्षित और संरक्षित हैं। इसलिए, अन्य पक्षी सम्मान के कारण या गरुड़ देव के क्षेत्र में प्रवेश न करने के कारण मंदिर के ऊपर नहीं उड़ते हैं।

सुदर्शन चक्र का प्रभाव: मंदिर के शिखर पर स्थापित "नीलचक्र" (आठ धातुओं से बना एक चक्र) की दिव्य शक्ति के कारण पक्षी और विमान मंदिर के ऊपर से नहीं गुजरते हैं।

वैज्ञानिक कारण और तार्किक स्पष्टीकरण

नो-फ्लाई जोन: विमानों के मंदिर के ऊपर से न उड़ने का मुख्य कारण यह है कि हाल ही में नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा सुरक्षा कारणों से मंदिर के हवाई क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है।

भौगोलिक स्थिति और उड़ान पथ: पुरी तटीय क्षेत्र में स्थित है, और मंदिर किसी प्रमुख व्यावसायिक उड़ान पथ पर नहीं पड़ता है। हवाई अड्डे आमतौर पर शहर से कुछ दूरी पर होते हैं (जैसे भुवनेश्वर हवाई अड्डा लगभग 60 किमी दूर है), और विमानों के उड़ान मार्ग मंदिर के ऊपर से नहीं गुजरते।

हवा की दिशा: कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि मंदिर लगभग 1000 फीट ऊंचा है, और समुद्र के पास होने के कारण हवा का प्रवाह बहुत तेज होता है। यह तेज हवा पक्षियों को इतनी ऊंचाई पर संतुलन बनाए रखने से रोकती है, जिससे वे उस क्षेत्र में उड़ने से बचते हैं। संक्षेप में, यह घटना आस्था और तर्क का एक अनूठा संगम है। जहां भक्तों के लिए यह एक दिव्य चमत्कार है, वहीं आधुनिक व्याख्याएं इसके पीछे सुरक्षा नियमों और भौगोलिक कारकों को बताती हैं।

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