AI चैटबॉट Grok से दिल्ली शिक्षा मॉडल पर बात करने वाले पहले भारतीय नेता बने मनीष सिसोदिया

दिल्ली में 2013 से शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य करते हुए मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों में कई सुधार किए थे। इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने Grok से सवाल किया कि आखिर भारत के सरकारी स्कूल आज भी संकट में क्यों हैं।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-07-18 18:00 GMT

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भारत के पहले ऐसे राजनेता बन गए हैं जिन्होंने सोशल मीडिया मंच X के जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट 'Grok' के साथ संवाद किया। इस संवाद में उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए नीतिगत सुझाव मांगे।

दिल्ली में 2013 से शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य करते हुए मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों में कई सुधार किए थे। इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने Grok से सवाल किया कि आखिर भारत के सरकारी स्कूल आज भी संकट में क्यों हैं।

Grok ने विस्तार से जवाब देते हुए कहा, "1947 में भारत में लगभग 1.4 लाख स्कूल थे, जिनमें ज़्यादातर सरकारी थे और केवल कुछ ही निजी संस्थान थे। उस समय करीब 1.4 करोड़ बच्चे स्कूलों में नामांकित थे और 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के केवल 20–25% बच्चे ही स्कूल जाते थे। साक्षरता दर मात्र 12% थी।"

AI चैटबॉट ने आगे बताया कि आज भी सरकारी स्कूलों में संकट बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण अपर्याप्त फंडिंग, शिक्षकों की कमी, खराब ढांचा, भ्रष्टाचार और राजनीतिक हस्तक्षेप है। इसी वजह से निजी स्कूलों की ओर रुझान बढ़ा है।

Grok ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने से सुधार संभव है।

सोशल मीडिया पर इस संवाद को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ यूजर्स ने इस पारदर्शिता की तारीफ की, वहीं कुछ लोगों ने सिसोदिया के दावों पर सवाल उठाए।

AAP की ओर से AI चैटबॉट्स के साथ ऐसे संवाद आगामी विधानसभा चुनावों से पहले — विशेष रूप से गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में — और भी देखने को मिल सकते हैं।

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