जीएसटी सुधार से सरकार को होगा 3,700 करोड़ का नुकसान, SBI रिपोर्ट में दावा

सरकार का अनुमान है कि दरों के सरलीकरण का वार्षिक वित्तीय असर करीब 48,000 करोड़ रुपये का होगा।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-09-05 17:10 GMT

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ताज़ा शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी दरों में कमी से सरकार को लगभग 3,700 करोड़ रुपये का मामूली राजस्व नुकसान होगा। हालांकि सरकार का अनुमान है कि दरों के सरलीकरण का वार्षिक वित्तीय असर करीब 48,000 करोड़ रुपये का होगा।

राजस्व नुकसान का असर नहीं पड़ेगा वित्तीय घाटे पर

रिपोर्ट के अनुसार, उपभोग और आर्थिक वृद्धि के चलते यह नुकसान मामूली होगा और राजकोषीय घाटे पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

जीएसटी काउंसिल का बड़ा फैसला

कुछ दिन पहले हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में मौजूदा चार-स्तरीय ढांचे को बदलकर दो-स्तरीय कर ढांचा कर दिया गया। इसमें 18% और 5% की दरें रखी गईं, जबकि चुनिंदा वस्तुओं व सेवाओं पर 40% का demerit rate लगाया गया है।

बैंकों और आम जनता को फायदा

रिपोर्ट में कहा गया कि जीएसटी दरों का सरलीकरण बैंकिंग सेक्टर के लिए काफी सकारात्मक होगा क्योंकि इससे लागत में कटौती होगी। वहीं, उपभोक्ता वस्तुओं पर दरें घटने से महंगाई पर भी असर पड़ेगा।

महंगाई पर असर

जीएसटी की औसत प्रभावी दर, जो 2017 में 14.4% थी, अब घटकर लगभग 9.5% तक आ सकती है।

करीब 295 आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है।

इससे इस श्रेणी की CPI महंगाई 25-30 बेसिस प्वाइंट तक घट सकती है।

कुल मिलाकर, 2026-27 तक CPI महंगाई 65-75 बेसिस प्वाइंट तक कम होने की संभावना जताई गई है।

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