बिना सहमति से हुआ सेक्स रेप के बराबर...कानून बनने पर इटली के पीएम और डिप्टी पीएम में तनातनी, जानें पूरा मामला

25 नवंबर यानी इंटरनेशनल डे फॉर एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वीमेन के दिन इस कानून को मंजूरी मिलनी थी।;

By :  Aryan
Update: 2025-11-27 15:00 GMT

नई दिल्ली। इटली की राजनीति में इन दिनों घमासान छिड़ा हुआ है। पीएम जॉर्जिया मेलोनी और उनके डिप्टी पीएम मातेयो साल्विनी के बीच तनाव अब बढ़ गया है। इसकी वजह एक ऐसा कानून है जो कि तय करता है कि बिना सहमति से हुआ सेक्स रेप के बराबर है। लेकिन आखिरी समय में साल्विनी ने इस बिल को पेश करने रोक दिया। इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई है। बता दें कि 25 नवंबर यानी इंटरनेशनल डे फॉर एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वीमेन के दिन इस कानून को मंजूरी मिलनी थी।

मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का साझा प्रयास

दरअसल इस बिल को लाने का मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का साझा प्रयास था। लेकिन वोटिंग होने से पहले ही साल्विनी ने यह कहते हुए रोक लगा दी कि इस कानून का इस्तेमाल व्यक्तिगत बदले के लिए भी हो सकता है।

महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन दिवस पर बिल रोकना शर्मनाक

जानकारी के मुताबिक, हाल ही में उत्तरी वेनेटो क्षेत्र में लीग पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के बाद साल्विनी खुद को सरकार के सबसे सख्त कंजरवेटिव नेता के रूप में पेश करना चाहते हैं। मेलोनी ने इस विवाद पर चुप्पी साधी हुई है, लेकिन विपक्ष इसे सत्ता गठबंधन की अंदरूनी लड़ाई बता रहा है। पार्टी के अंदर नेता कह रहे हैं महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन दिवस पर बिल रोकना शर्मनाक है। इससे खतरनाक संदेश जाता है कि महिलाओं की सुरक्षा की कीमत राजनीति की भेंट चढ़ रहा है।

इटली में रेप की कानूनी परिभाषा बदली

बता दें कि इटली का मौजूदा कानून रेप को सिर्फ तब मानता है जब किसी महिला को हिंसा, धमकी या अधिकार के दुरुपयोग के जरिए मजबूर किया गया हो। सहमति न होने को स्पष्ट आधार मानने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसी बीच संसद ने एक अलग कानून पास कर दिया है, जिसमें फेमिसाइड यानी लिंग आधारित हत्या को आजीवन कारावास वाले अपराध के रूप में शामिल किया गया है।



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