नागपुर में गिरफ्तार छात्र कार्यकर्ता डार्क वेब पर चला रहा था राष्ट्रविरोधी गतिविधियां: महाराष्ट्र एटीएस
एटीएस के अनुसार, सिदीक डार्क वेब का इस्तेमाल कर भड़काऊ टिप्पणियां कर रहा था और अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल था।;
नागपुर में इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए छात्र कार्यकर्ता और पत्रकार रेजाज एम शीबा सिदीक (26) के खिलाफ महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एटीएस के अनुसार, सिदीक डार्क वेब का इस्तेमाल कर भड़काऊ टिप्पणियां कर रहा था और अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल था।
एटीएस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि सिदीक को 7 मई को नागपुर के एक होटल से लकड़गंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसकी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। उस पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी और आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा होता है जो सामान्य सर्च इंजन से नहीं मिलता और इसे विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए ही एक्सेस किया जा सकता है। यह गुमनामी की सुविधा देता है और आमतौर पर अवैध गतिविधियों से जुड़ा होता है।
एटीएस अधिकारी के अनुसार, 11 मई को केरल स्थित सिदीक के घर पर छापेमारी की गई, जहां से कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह डार्क वेब पर सक्रिय था और वहां अपने विचारों के जरिए उकसाने वाली बातें लिख रहा था। उसकी डिजिटल डिवाइसेज़ को साइबर फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा ताकि गहराई से जांच की जा सके।
अधिकारी ने बताया कि रविवार को स्थानीय अदालत ने सिदीक की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी है। उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों में उकसाऊ पोस्ट और एक तस्वीर शामिल है, जिसमें वह नागपुर की एक राइफल दुकान में हथियार पकड़े हुए दिखाई दे रहा है। इसी के आधार पर उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 149 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी), 192 (दंगे भड़काने की नीयत से उकसावा), 351 (आपराधिक धमकी) और 353 (लोक शांति के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांच के बाद इस मामले में यूएपीए की धारा 38 और 39 भी जोड़ी गई हैं, जो किसी आतंकवादी संगठन की सदस्यता और उसे समर्थन देने से संबंधित हैं। इसके बाद यह मामला लकड़गंज पुलिस से एटीएस को सौंप दिया गया।