राजद की करारी हार के बाद तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना, जानें लालू-राबड़ी बैठक खत्म होने से पहले क्यों निकले बाहर
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की करारी हार के बाद राजद ने आज मंथन के लिए मीटिंग बुलाई थी। लेकिन राजद की इस बैठक में हार पर बात नहीं हुई। दरअसल, नेता विपक्ष का दायित्व एक बार फिर तेजस्वी यादव को मिल गया। राष्ट्रीय जनता दल की विधायक दल की बैठक में इस पर मुहर लग गई। तेजस्वी को राष्ट्रीय जनता दल विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इस बैठक में निर्वाचित विधायकों के अलावा लालू प्रसाद, राबड़ी देवी,मीसा भारती समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
सीमांचल के नेताओं से ओवैसी की सफलता
हालांकि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी बैठक खत्म होने से पहले ही बाहर निकल गए। यह बैठक तेजस्वी यादव के आवास पर हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार के कारणों पर भी चर्चा हुई है। इस बैठक में आरजेडी के राज्यसभा सांसद संजय यादव भी मौजूद थे। पार्टी ने इस हार की वजह चुनाव आयोग का पक्षपातपूर्ण रवैया और EVM हैकिंग को बताया। बैठक में पार्टी के सीमांचल में प्रदर्शन पर भी चर्चा हुई। सीमांचल के नेताओं से ओवैसी की सफलता और राजद से मुस्लिमों के दूर होने पर बातचीत हुई।
रोहिणी ने विवाहित महिलाओं को दी सलाह
बता दें कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से एनडीए ने 202 सीट जीतीं जबकि राष्ट्रीय जनता दल 143 सीट पर लड़कर केवल 25 सीट ही हासिल कर पाई। चुनावी हार के साथ-साथ पार्टी को संस्थापक लालू प्रसाद के परिवार में बढ़ती कलह से भी दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस बैठक में रोहिणी आचार्य के मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई। दरअसल, रोहिणी आचार्य ने रविवार को आरोप लगाया कि गंदा किडनी दान करने के एवज में उन्हें रुपये और टिकट का लालच दिए जाने की बात कहकर अपमानित किया गया। सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि उन्हें अनाथ बना दिया गया और विवाहित महिलाओं को सलाह दी कि अगर पिता का बेटा हो, तो पिता को बचाने की गलती न करें।