गाज़ा में सत्ता नहीं छोड़ी तो अंजाम भुगतना पड़ेगा: ट्रंप ने हमास को दी आखिरी चेतावनी
उन्होंने कहा कि अगर हमास उनकी शांति योजना को स्वीकार नहीं करता और गाज़ा पर अपना नियंत्रण नहीं छोड़ता, तो उसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।;
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार शाम (वॉशिंगटन स्थानीय समयानुसार) फिर से हमास को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर हमास उनकी शांति योजना को स्वीकार नहीं करता और गाज़ा पर अपना नियंत्रण नहीं छोड़ता, तो उसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। यह अल्टीमेटम उस समय जारी किया गया जब दी गई समय सीमा समाप्त होने में सिर्फ 12 घंटे बचे थे।
शनिवार को सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाज़ा में बमबारी रोकने और अमेरिकी शांति प्रयासों का समर्थन करने के पक्ष में हैं, तो उन्होंने संक्षेप में जवाब दिया— “बीबी हां कहते हैं।” रविवार को प्रसारित इंटरव्यू में ट्रंप ने आगे कहा कि उन्हें जल्द ही यह पता चल जाएगा कि हमास वास्तव में शांति के लिए कितना गंभीर है।
शुक्रवार को ट्रंप ने फिलिस्तीनी संगठन हमास को रविवार शाम 6 बजे तक इज़रायल के साथ शांति समझौता करने का आदेश दिया था। उन्होंने साफ कहा था कि अगर यह समझौता नहीं हुआ, तो परिणाम बेहद भयावह होंगे। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि हमास को उनकी शांति योजना स्वीकार करनी होगी, सभी इज़रायली बंधकों को रिहा करना होगा और संघर्ष को खत्म करने की दिशा में कदम उठाना होगा। उन्होंने दोहराया कि “शांति किसी भी कीमत पर स्थापित होनी चाहिए।”
उधर, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आशा जताई है कि आने वाले दिनों में गाज़ा से सभी बंधकों की रिहाई की घोषणा की जा सकती है। सोमवार को मिस्र में हमास और इज़रायल के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता तय की गई है, जिसमें युद्धविराम के लिए अमेरिका की नई योजना पर चर्चा होगी। नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने तकनीकी मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल मिस्र भेजा है और उम्मीद है कि यह वार्ता कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी।
हमास की ओर से अमेरिका की योजना की कुछ शर्तों पर सहमति जताई गई है, जिसके बाद ट्रंप ने बयान जारी कर इस पहल का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि हमास को अब तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा उसके लिए सभी संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।
फिलहाल गाज़ा क्षेत्र में तनाव बरकरार है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस वार्ता पर टिकी हुई हैं। यह देखना बाकी है कि ट्रंप की दी गई समय सीमा के बाद स्थिति किस दिशा में जाती है — शांति की ओर या नए टकराव की ओर।