धर्म ध्वज में भगवान राम की शक्ति, वीरता और 'राम राज्य' के आदर्शों का है प्रतीक! जानें धर्मध्वज की विशेषता
अयोध्या। आज अयोध्या में पीएम मोदी द्वारा एक खास 'धर्मध्वज' फहराया जाएगा। ऐसे में राम मंदिर पर फहराए जाने वाले 'धर्मध्वज' की मुख्य बातें है। राम मंदिर में लहराने वाले धर्म ध्वज में भगवान राम की शक्ति, वीरता और 'राम राज्य' के आदर्शों का प्रतीक है। इस केसरिया ध्वज पर एक चमकता हुआ सूरज, कोविदारा का पेड़ और 'ॐ' अंकित है, जो इसे खास बनाता है। इसे विशेष रूप से मंदिर के शिखर के लिए तैयार किया गया है।
धर्मध्वज की खास बातें
रंग और प्रतीक: ध्वज केसरिया रंग का है, जो हिंदू धर्म में त्याग और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस पर हाथ से कढ़ाई किए गए सुनहरे धागों से तीन मुख्य प्रतीक बने हैं:
सूर्य: यह भगवान श्री राम के सूर्यवंश का प्रतीक है, जो शक्ति और तेज का प्रतिनिधित्व करता है।
ॐ: यह शाश्वत ब्रह्मांडीय चेतना और परमात्मा के प्रथम नामाक्षर का प्रतीक है।
कोविदार वृक्ष: यह त्रेतायुग में अयोध्या का राजवंशीय चिह्न था, जिसे प्राचीन ग्रंथों में समृद्धि से जोड़ा गया है।
आकार और सामग्री
- ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है।
- इसे विशेष नायलॉन पैराशूट फैब्रिक से बनाया गया है, ताकि यह धूप, बारिश और तेज हवाओं जैसे खराब मौसम में भी सुरक्षित रहे।
- नमी और तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए इसमें डबल कोटेड सिंथेटिक परत भी जोड़ी गई है।
ध्वजदंड की विशेषता
- ध्वज को मंदिर के 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर के ऊपर एक 42 फीट लंबे ध्वजदंड पर फहराया जाएगा।
- ध्वजदंड में बॉल बेयरिंग के साथ 360-डिग्री घूमने वाला चैंबर लगा है, जिससे हवा की दिशा बदलने पर ध्वज खुद को उसी दिशा में मोड़ लेता है और उलझता नहीं है।
- इसकी कुल ऊंचाई लगभग 191 फीट हो जाती है (शिखर + ध्वजदंड)।
धार्मिक महत्व
- मंदिर के शिखर पर ध्वज की स्थापना मंदिर निर्माण के पूरा होने और उसके आध्यात्मिक रूप से सक्रिय होने का प्रतीक है।
- यह समारोह विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर किया जा रहा है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ का प्रतीक है।
- अहमदाबाद के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया यह ध्वज, प्राचीन परंपराओं और आधुनिक तकनीक का एक अनूठा संगम है।