कौन हैं वो 7 मंत्री, जिनके साथ भारत आ रहे पुतिन, अमेरिका के दबाव पर रूस ने दिया बेबाक जवाब

Update: 2025-12-04 05:41 GMT

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 से 5 दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं। 4 दिसंबर को पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की अनौपचारिक मुलाकात होगी। 5 दिसंबर को दोनों नेताओं के बीच औपचारिक बैठक और सभी बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। पुतिन 23वें भारत-रूस एनुअल समिट में भी शामिल होंगे। पुतिन अपने भारत दौरे पर सात वरिष्ठ मंत्रियों के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हैं।

उनके साथ आने वाले मंत्रियों की सूची इस प्रकार है:

1. आंद्रेई बेलोउसॉव (रक्षा मंत्री)

2. एंतोन सिलुआनोव (वित्त मंत्री)

3. ऑक्साना लूत (कृषि मंत्री)

4. मैक्सिम रेशेत्निकोव (आर्थिक विकास मंत्री)

5. मिखाइल मुराश्को (स्वास्थ्य मंत्री)

6. व्लादिमीर कोलोकॉल्तसेव (आंतरिक मामलों के मंत्री)

7. आंद्रेई निकितिन (परिवहन मंत्री)

मंत्रियों के अलावा, रूसी सेंट्रल बैंक की चेयरपर्सन एल्विरा नबीउलीना और उप विदेश मंत्री भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।

रूसी डेलिगेशन और भी लोग होंगे शामिल ?

बता दें कि रूसी डेलिगेशन में कस्टम विभाग के अधिकारी, रूस के वित्तीय निगरानी संस्थान (Rosfinmonitoring) के प्रतिनिधि, सैन्य-तकनीकी सहयोग विभाग के प्रमुख दिमित्री शुगायेव और रोस्कोस्मोस, रोसाटॉम और VEB.RF जैसी बड़ी सरकारी कंपनियों के प्रमुख भी हैं। बिजनेस जगत से स्बेरबैंक के प्रमुख, बेसिक एलिमेंट कंपनी, रुशाल (Rusal), VTB बैंक, उर्वरक उत्पादक संघ, रोसखिम, ट्रांसमाशहोल्डिंग और कई अन्य बड़ी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी भी भारत आएंगे।

अमेरिका के दबाव पर रूस ने दिया बेबाक जवाब

जानकारी के मुताबिक रूस ने भारत पर अमेरिका के दबाव पर बोलते हुए कहा है कि रूस जानता है कि अमेरिका की तरफ से भारत पर दबाव रहता है, लेकिन रूस मानता है कि भारत पूरी तरह स्वतंत्र और संप्रभु देश है और वह अपने फैसले खुद लेता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस के लोग दशकों से दोस्त हैं और रूस को गर्व है कि वह हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। यह दौरा दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग को और मजबूत बनाने वाला है।

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