अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत काले ने पिछले सप्ताह दिए आदेश में कहा कि मामले में आरोपी की सीधी संलिप्तता के पर्याप्त सबूत हैं और उनकी कस्टोडियल इंटरोगेशन (हिरासत में पूछताछ) बेहद जरूरी है।