विश्लेषकों के अनुसार, ढाका में छात्र आंदोलन के बाद अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी और हसीना भारत चली गई थीं। इसके बाद से ढाका-नई दिल्ली संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।