सितंबर में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने और बजट जारी होने की उम्मीद है। ऐसे में बिजली निगम के पास सिर्फ तीन महीने का समय होगा और इतने ही समय में उपकेंद्र तैयार करना होगा।