इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन के ‘ऑर्बिटर’ से प्राप्त उन्नत आंकड़ों ने चंद्रमा की सतह के भौतिक और परावैद्युत (dielectric) गुणों को समझने में अहम भूमिका निभाई है।