इस अवसर पर देशभर के संपादकों ने पत्रकारिता की गरिमा, साख, सच्चाई और नैतिकता को पुनर्स्थापित करने का सामूहिक और दृढ़ संकल्प लिया, जिसे भारतीय मीडिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।